शांता कुमार ने नशे के प्रकोप पर चिंता जताई, फोरम की स्थापना को सराहा

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शांता कुमार ने नशे के प्रकोप पर चिंता जताई, फोरम की स्थापना को सराहा


पालमपुर, 08 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने हिमाचल प्रदेश में नशे के बढ़ते प्रकोप के खिलाफ एक सकारात्मक पहल के रूप में 31 से अधिक सामाजिक संस्थाओं द्वारा गठित 'फोरम अगेस्ट डंग' की सराहना की है। शांता कुमार ने इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए इन सभी संस्थाओं को बधाई दी और कहा कि यह कदम प्रदेश के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

शांता कुमार ने मंगलवार काे एक बयान में कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि इस फोरम का नेतृत्व हिमाचल प्रदेश के पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक शानन को सौंपा गया है। इस अवसर पर यह महत्वपूर्ण कदम विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर शिमला में लिया गया है, जो इस कार्य की अहमियत को और बढ़ाता है।

नशे के बढ़ते प्रकोप पर चिंता जताते हुए शांता कुमार ने कहा, यह एक गंभीर संकट है, जो खासकर युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है। हर दिन अखबारों में नशे से संबंधित घटनाएं आ रही हैं। अगर हम अब एकजुट नहीं हुए, तो राज्य का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि नशे के खिलाफ संघर्ष केवल पुलिस और सरकार के बल पर नहीं हो सकता, बल्कि समाज को भी इसमें सक्रिय रूप से भाग लेना होगा।

शांता कुमार ने इस संकट से निपटने के लिए सरकार और सामाजिक संस्थाओं की एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। यह महत्वपूर्ण कदम, 31 सामाजिक संस्थाओं द्वारा फोरम की स्थापना, समाज और सरकार के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि इस संकट का मुकाबला करने के लिए केवल सरकार और पुलिस नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को इसमें भागीदारी करनी होगी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से अपील की कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और फोरम के नेता एक साथ बैठकर इस समस्या का समाधान ढूंढें। उन्होंने अपने समर्थन का भी वादा किया और कहा, अगर फोरम चाहे, तो मैं इसका सदस्य बनने के लिए तैयार हूं। यदि फोरम की कोई बैठक पालमपुर के पास होगी, तो मैं उसमें भी भाग लूंगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

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