शान्ता कुमार की महिलाओं से भाजपा को वोट देने की अपील
शिमला, 26 मई (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की बहिनें लोक सभा चुनाव में वोट देने से पहले तीन बातों का विचार जरूर कर लें। पहली 1977 में जब मुझे हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया तो उस समय पीने का पानी लाने के लिए कई जगह सिर पर घड़ा रखकर मीलों दूर पैदल जाना पड़ता था। कांग्रेस सरकार ने पीने के पानी के लिए कोई विभाग ही नहीं बनाया था। हमने पहली बार जल शक्ति विभाग बनाया और युद्ध स्तर पर पीने का पानी देने का काम किया। उस समय के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई 500 गांव को पीने का पानी देने का एक बड़ा कार्यक्रम का उदघाटन करने के लिए दैहन में आये थे। मुझे प्रसन्नता है कि हिमाचल की जनता आज तक मुझे पानी वाला मुख्यमंत्री कहती है।
शान्ता कुमार ने रविवार को एक बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश देश में पहला प्रदेश है जिसने पचांयत राज सस्ंथाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण दिया था। मुझे याद है मन्त्रिमण्डल की बैठक में भी दो मन्त्रियों ने यह कर विरोध किया था कि केवल रसोई करने वाली महिलाएं पचांयतों का काम नहीं कर सकती। परन्तु हम ने निर्णय लिया। हिमाचल देश का पहला प्रदेश बना।
शान्ता कुमार ने कहा इस बार के लोक सभा के चुनाव में पूरे देश में उम्मीदवारों की संख्या 4175 है इनमें महिलाओं की संख्या केवल 358 अर्थात 8 प्रतिशत है। बहिनें वोट देते समय याद रखें कि अब नरेद्र मोदी ने विधान सभा और लोक सभा के चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण कर दिया है। अगले चुनाव में यदि उम्मीदवारों की संख्या 4175 होगी तो उस में महिलाएं 358 नहीं अपितु 1334 होगी। महिलाओं के लिए इस प्रकार की बहुत सी क्रान्तिकारी योजनाएं सरकार ने चलाई है। यहीं सोच कर हिमाचल की बहिनें एक जून को कमल के निशान पर मोहर लगायें।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/उज्जवल
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