मनरेगा पर झूठ की राजनीति कर रही कांग्रेस, धरनों से जनता को गुमराह करने की कोशिश : सतपाल सत्ती

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मनरेगा पर झूठ की राजनीति कर रही कांग्रेस, धरनों से जनता को गुमराह करने की कोशिश : सतपाल सत्ती


शिमला, 29 दिसंबर (हि.स.)। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने सोमवार को शिमला के रिज मैदान पर मनरेगा को लेकर कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा दिए गए धरने को झूठ और राजनीतिक ड्रामा करार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तथ्यों से भागकर जनता को गुमराह करने के लिए धरना-प्रदर्शन का सहारा ले रही है।

सत्ती ने कहा कि कांग्रेस यह भ्रम फैला रही है कि मनरेगा को समाप्त किया जा रहा है, जबकि सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। केंद्र सरकार ने मनरेगा को और सशक्त करते हुए “विकसित भारत–रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण)” कानून लागू किया है, जिसके तहत ग्रामीण परिवारों को 100 के बजाय 125 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। इसके लिए ₹1.51 लाख करोड़ से अधिक का प्रावधान किया गया है, जिसमें ₹95 हजार करोड़ से ज्यादा केंद्र सरकार का योगदान है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह बताने से बच रही है कि यूपीए शासनकाल में 2006–07 से 2013–14 तक मनरेगा पर करीब ₹2.13 लाख करोड़ खर्च किए गए, जबकि एनडीए सरकार ने 2024–25 तक ₹8.53 लाख करोड़ से अधिक राशि खर्च कर रोजगार सृजन को दोगुना किया है। ये आंकड़े कांग्रेस के दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त हैं।

सत्ती ने कहा कि यदि कांग्रेस को वास्तव में ग्रामीणों की चिंता होती, तो वह धरनों के बजाय राज्य में समय पर मजदूरी भुगतान, काम की उपलब्धता और पंचायतों को अधिकार देने पर ध्यान देती। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार की विफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र सरकार पर निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं।

महात्मा गांधी के नाम के राजनीतिक दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सत्ती ने कहा कि संसद में मर्यादाएं तोड़ने वाली कांग्रेस को गांधी जी के आदर्शों की दुहाई देने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “विकसित भारत के लिए विकसित गांव” का संकल्प नई योजना में स्पष्ट झलकता है, जिसमें जल संरक्षण, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कहा कि रिज मैदान पर कांग्रेस का धरना राज्य सरकार की नाकामी और वित्तीय कुप्रबंधन से ध्यान भटकाने की असफल कोशिश है, जिसे जनता भली-भांति समझ चुकी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

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