संजौली मस्जिद की ऊपरी मंजिल गिराने का काम जारी

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संजौली मस्जिद की ऊपरी मंजिल गिराने का काम जारी


शिमला, 19 दिसंबर (हि.स.)। शिमला की बहुचर्चित संजौली मस्जिद में इन दिनों अवैध घोषित की गई ऊपरी मंजिल को गिराने का काम चल रहा है। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेशों के तहत यह कार्रवाई शुरू की गई है और तोड़फोड़ की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही है। प्रशासन की निगरानी में मस्जिद कमेटी के सहयोग से यह कार्य किया जा रहा है। वक्फ बोर्ड के मुताबिक एक महीने के भीतर मस्जिद की अवैध घोषित सभी मंजिलों को पूरी तरह हटा दिया जाएगा।

दरअसल, संजौली मस्जिद की चार मंजिला इमारत में से पहले ही दो ऊपरी मंजिलों को हटाया जा चुका है। अब बची हुई एक ऊपरी मंजिल को गिराने का काम चल रहा है। इसके लिए प्रस्तावित बजट को संबंधित विभाग से मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन कुछ कागजी औपचारिकताओं के कारण कार्रवाई में देरी हुई। अब सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद काम दोबारा शुरू कर दिया गया है। मौके पर सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने आवश्यक इंतजाम किए हैं।

संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने शुक्रवार को बताया कि हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करना सभी के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि मस्जिद कमेटी ने पहले ही नगर निगम आयुक्त से ऊपर की अवैध घोषित की गई तीन मंजिलों को हटाने की सहमति जताई थी। इस संबंध में हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देश भी मौजूद हैं। उन्हीं आदेशों के बाद अब शेष मंजिल को गिराने का कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मस्जिद की निचली दो मंजिलों ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर को लेकर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं, इसलिए उन पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

गौरतलब है कि संजौली मस्जिद का मामला लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया में है। इसी साल 3 मई को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद के पूरे निर्माण को अवैध बताते हुए इसे गिराने का आदेश दिया था। इस फैसले को वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने सत्र न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन जिला अदालत ने भी माना कि मस्जिद का निर्माण बिना वैध अनुमति के हुआ था और यह नगर निगम नियमों का उल्लंघन है।

नगर निगम की ओर से अदालत में बताया गया था कि पुराने ढांचे को गिराने के बाद चार मंजिला नई इमारत बनाई गई थी। इसके लिए न तो कोई नक्शा पास कराया गया और न ही निर्माण की अनुमति ली गई। इसके बाद 5 अक्तूबर 2024 को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने अनधिकृत हिस्से को हटाने का आदेश दिया। इसी आदेश के तहत तीसरी और चौथी मंजिल पहले ही गिराई जा चुकी हैं। निचली दो मंजिलों को नियमित करने का आवेदन नगर निगम ने 3 मई 2025 को खारिज कर दिया था।

यह मामला करीब 16 वर्षों तक नगर निगम आयुक्त कोर्ट में चला और इस दौरान 50 से अधिक बार सुनवाई हुई। 31 अगस्त 2024 को शिमला के मैहली इलाके में दो गुटों के बीच हुई मारपीट के बाद यह विवाद और तेज हो गया था। इसके बाद सितंबर 2024 में संजौली में हुए विरोध प्रदर्शन में हिन्दू संगठनों व पुलिस के बीच झड़प में कई जख्मी हुए थे। पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करना पड़ा था।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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