'हिमाचल की सांस्कृतिक धरोहर' पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद आयोजित
हमीरपुर, 04 अप्रैल (हि. स.)। ठाकुर रामसिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी द्वारा आयोजित एवं भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित ‘हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर’ पर दो दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया। उद्घाटन सत्र में प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा कार्यकारी अध्यक्ष, अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना समिति नई दिल्ली मुख्यातिथि, डॉ. ओम जी उपाध्याय सदस्य सचिव, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् नई दिल्ली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अर्चना संतोष ननोटी, कुलसचिव एन.आई.टी. हमीरपुर एवं डॉ. देवदत शर्मा विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला उपस्थित रहे। इस उपलक्ष्य पर मुख्यातिथि प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने कहा कि पिछली पीढ़ियों द्वारा प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक रूपों में मूर्त या अमूर्त विरासत जिसे वर्तमान में सहेज कर रखने के पश्चात् भावी पीढ़ियों के हितार्थ सौंप दिया जाता है वही हमारी अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर है। भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे महान संस्कृति है। इसके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए हमें एक घटक के रूप में कार्य करना चाहिए।
शोध संस्थान के निदेशक डॉ. चेतराम गर्ग ने ठाकुर रामसिंह द्वारा दिखाए गए मार्ग पर शोध संस्थान द्वारा आयोजित गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की। संस्थान के प्रैस सचिव डॉ. मनोज डोगरा ने बताया कि इस अवसर पर लगभग 120 विद्वान, अध्येता, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिंदुस्थान समाचार/विशाल/उज्जवल
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