कांगड़ा में कांग्रेस ने उतारा मजबूर प्रत्याशी : रणधीर शर्मा
शिमला, 01 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी विधायक नैना देवी एंव मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पार्टी के कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से आनंद शर्मा को उम्मीदवार बनने पर तंज कसते हुए कहा कि कांगड़ा में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार से साफ हो गया है कि कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ने के लिए लोग नहीं मिल रहे हैं। एक ऐसे व्यक्ति को जो पहले शिमला में रहे और अब दिल्ली में सेटल हैं, उनको कांग्रेस ने कांगड़ा लोकसभा सीट से चुनाव में उतारा है।
रणधीर शर्मा ने बुधवार को शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी मजबूरी में चुनाव लड़ रहे हैं, ऐसे में वह मजबूर प्रत्याशी हैं और भाजपा के प्रत्याशी राजीव भारद्वाज एक मजबूत प्रत्याशी हैं जो वर्षों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा आने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री और सभी मंत्री अपनी पीठ थपथपाने से पीछे नहीं हटते, लेकिन आपदा राहत के लिए केंद्र सरकार ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के माध्यम से प्रदेश का अलग-अलग किश्तों में 1782 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमाचल की जनता से 252 करोड़ रूपये आपदा राहत कोष के नाम पर भी जमा किए, परन्तु अभी तक हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 1820 करोड़ रूपये ही खर्च किए है। केंद्र सरकार से आई राहत राशि और जनता से इकट्ठा किया गया धन भी पूरा खर्च नहीं कर पाई।
रणधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने अपने इस कार्यकाल में केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में शुरू किए गए विकास कार्यों और प्रोजेक्टों में रोड़ा अटकाने का काम किया जा रहा हैं। उन्होंने वर्तमान सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार के प्रयास से कार्यरत भान्नुपली रेलवे निर्माणाधीन है। केंद्र सरकार ने इस रेलवे निर्माण के लिए 4938 करोड़ रूपये खर्च किए हैं और ये रेलवे लाइन 75ः25 की औसत में काम करने के लिए प्रस्तावित हैं, इस रेलवे लाइन के लिए जमीन प्रदेश सरकार ने उपलब्ध करवानी है, लेकिन जब से कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में आई तब से अपने हिस्से का पैसा नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि पिछली भारतीय जनता पार्टी की हिमाचल की सरकार ने 800 करोड़ रूपये लगभग देनदारी अदा की थी, परंतु इस कांग्रेस सरकार के समय एक भी पैसा नहीं देने के कारण अब यह देनदारी 1243 करोड़ पहुँच गई है जिसके कारण केंद्र सरकार विचार कर रही है कि इस पर निर्माण कार्य आगे शुरू रखा जाए या नहीं रखा जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल
/सुनील
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