हिमाचल के राज्यसभा चुनाव परिणाम पर हाईकोर्ट का भाजपा सांसद हर्ष महाजन को नोटिस
शिमला, 20 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में फरवरी महीने में राज्यसभा की एक सीट के लिए हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। राज्यसभा चुनाव में हार का सामना करने वाले कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी ने हर्ष महाजन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। याचिका में राज्यसभा चुनाव के नियमों की धारणा को भी चुनौती दी गई है।
हाईकोर्ट ने शनिवार को मामले की सुनवाई करते हुए भाजपा सांसद हर्ष महाजन को नोटिस जारी कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 23 मई को निर्धारित हुई है।
याचिकाकर्ता पक्ष के वकील नीरज गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस के राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार रहे अभिषेक मनु सिंघवी की याचिका पर हाईकोर्ट में आज जस्टिस अजय मोहन गोयल की कोर्ट में सुनवाई हुई है। याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने राज्यसभा चुनाव में जीत हासिल कर सांसद बने एवं प्रतिवादी बनाए गए हर्ष महाजन को नोटिस जारी किया है। उन्होंने बताया कि अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 को होगी।
क्या है मामला
बता दें कि अभिषेक मनु सिंघवी 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे। इस चुनाव में भाजपा-कांग्रेस के उम्मीदवार को बराबर मत पड़े थे। इसके बाद पर्ची से भाजपा के हर्ष महाजन विजेता बने और अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई थी।
हार के 40 दिन बाद अभिषेक मनु सिंघवी हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचे और हर्ष महाजन के निर्वाचन को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की। अभिषेक मनु सिंघवी के मुताबिक राज्यसभा चुनाव के दौरान एक समान मत पड़ने पर पर्ची जिस उम्मीदवार की निकलती है उसे हारा हुआ करार देना, यह धारणा कानूनी रूप से गलत है। आम तौर पर जिसका नाम निकलता है उसे जीतना चाहिए। ऐसे में अगर यह धारणा गलत है तो चुनाव परिणाम भी गलत है। कानून में ऐसा कोई नियम नहीं, इसलिए नियम की एक धारणा को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों और तीन निर्दलीयों ने की थी क्रॉस वोटिंग
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को हुआ था। उस दौरान नौ विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से यह सीट भाजपा के खाते में चली गई। भाजपा के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस के दिग्गज नेता अभिषेक मनु सिंघवी को पराजित किया। 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 40 होने के कारण कांग्रेस उम्मीदवार की जीत निश्चित थी। लेकिन कांग्रेस के छह विधायकों औऱ तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट किया और दोनों दलों के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिलने पर मामला अटक गया था। टाई होने के बाद ड्रा ऑफ लोटस से नाम निकाला गया जिसमें भाजपा के हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया गया। निर्वाचन आयोग ने इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को विजयी घोषित किया।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल
/सुनील
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