दो सालों में प्राकृतिक आपदा में 41 लोग लापता: राजस्व मंत्री
शिमला, 6 सितंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार प्राकृतिक आपदा में लापता होने वाले लोगों को जल्द मृत घोषित करवाने के लिए नियमों में बदलाव करवाने का प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान आपदा में लापता हुए लोगों को लेकर विधायक नंद लाल द्वारा पूछे गए एक सवाल के दौरान दखल देते हुए यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में पिछले कुछ समय से बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही है और बार-बार आपदाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि नियमों में लापता लोगों को सात साल बाद ही मृत घोषित किया जा सकता है। इससे जहां संबंधित परिजनों को भारी दिक्कतें होती हैं, वहीं मृतकों के प्रति भावनाएं भी नहीं रहती।
इससे पहले मूल सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पिछले दो सालों में अभी तक आई प्राकृतिक आपदा में अभी भी 41 लोग लापता हैं। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत आपदा में लापता हुए लोगों को मृत घोषित करने के लिए सात साल का इंतजार करना पड़ता है।
नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में आई त्रासदी के दौरान रजिस्ट्रार जनरल जन्म एवं मृत्यु ने इसमें कुछ समय के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी। वर्ष 2023 में हिमाचल में भी इसी गाइडलाइन के तहत लापता लोगों को मृत घोषित किया था। उन्होंने कहा कि यह छूट सीमित समय के लिए थी। उन्होंने कहा कि यह मामला गंभीर है और इसमें आगे भी ऐसे प्रावधान करने की जरूरत है, लेकिन यह केंद्र का मामला है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा
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