संविधान में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग को मिले विशेष अधिकारों को छीन रही प्रदेश सरकार :चेत राम

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संविधान में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग को मिले विशेष अधिकारों को छीन रही प्रदेश सरकार :चेत राम


मंडी, 21 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निकाली पटवारी भर्ती में अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यर्थियों से शुल्क लेने पर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष चेत राम ने कड़ा विरोध दर्ज किया है और प्रदेश सरकार को दलित विरोधी करार दिया है। मीडिया को जारी बयान में उन्होंने कहा कि संविधान में अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए विशेष प्रावधान किए हैं जिन्हें वर्तमान सुक्खू सरकार छीनने के प्रयास कर रही है। भर्तियों में सभी से समान शुल्क लेना समाज में उपेक्षित और पिछड़े वर्ग के साथ न्यायोचित नहीं है और गरीब अभ्यार्थियों को रोजगार के अवसरों से दूर करने का प्रयास है।

उन्होंने कहा कि लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी ने समाज के इस वर्ग को केवल वोट के लिए इस्तेमाल किया परन्तु इसके उत्थान के लिए कोई भी ठोस योजना नहीं बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में इस वर्ग को समाज के विकास की मुख्य धारा से जोड़ा और केंद्र सरकार की हर योजना में अनुसूचित जाति वर्ग को केंद्र में रखा गया जिससे यह वर्ग अपने को सुरक्षित महसूस कर रहा है, परन्तु दूसरी तरफ हिमाचल सरकार दलित विरोधी निर्णय लेकर इस वर्ग के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार इस दलित विरोधी निर्णय को तुरंत वापिस ले अन्यथा इसके ग़भीर परिणाम भुगतने को तैयार रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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