स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की जिंदगी से जुड़ी, इसे हल्के में ना ले सरकार : जय राम ठाकुर

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स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की जिंदगी से जुड़ी, इसे हल्के में ना ले सरकार : जय राम ठाकुर


मंडी, 26 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर व्यवस्थाओं का बंटाधार कर रही है। जो चीजें लोगों के जीवन से जुड़ी हैं, सरकार को उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए और उनसे प्राथमिकता से निपटना चाहिए। लेकिन ऐसा प्रदेश में कहीं भी देखने को नहीं मिल रहाहै। ताजा घटनाक्रम प्रदेश के एंबुलेंस कर्मियों द्वारा दो दिन की हड़ताल करने का और प्रदेश के लगभग 3000 डॉक्टर द्वारा मास कैजुअल लीव पर जाने के मामले में सरकार ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। जबकि यह प्रदेश के लाखों लोगों के जीवन से जुड़ा मामला था।

नेता प्रतिपक्ष ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एंबुलेंस कर्मी लंबे समय से अपने भुगतान, ओवरटाइम आदि की मांग कर रहे थे। बार-बार सरकार को अल्टीमेटम दे रहे थे लेकिन सरकार द्वारा उनकी शिकायतों को अनसुना किया गया जिसका परिणाम आज सबके सामने है। आज पूरे प्रदेश भर में हजारों की संख्या में लोग एंबुलेंस का और उससे ज्यादा मरीज अस्पतालों में इलाज के लिए डॉक्टर की राह देखते रहे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एंबुलेंस और चिकित्सा जैसी सुविधाएं आपात सुविधा होती है। यदि किसी को एंबुलेंस चाहिए और उसे नहीं मिली तो उसकी जान पर भी बन जाती है लेकिन सरकार को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता तभी कोई भी समाधान निकालने की कोशिश नहीं की गई। 102 एंबुलेंस सेवा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए है। किसी भी महिला को प्रसव के समय यदि एंबुलेंस न मिले तो उस पर और उसके परिवार पर क्या बितती है उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

मंडी के नामधारी गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में जयराम ठाकुर ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के साहबज़ादों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि मात्र 6 वर्ष के फतेह सिंह और 9 वर्ष के जोरावर सिंह ने मुगलिया बर्बरता के सामने झुकने से इनकार करते हुए अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए अद्वितीय कुर्बानी दी। खिलौनों से खेलने की उम्र में दी गई यह शहादत मानवता, दृढ़ संकल्प और साहस का ऐसा उदाहरण है, जिसकी तुलना इतिहास में कहीं और नहीं मिलती। धर्म परिवर्तन के नाम पर मासूम बच्चों को दीवारों में चुनवाने जैसी अमानवीय क्रूरता के सामने न झुकने वाला यह बलिदान पूरे देश के लिए गर्व का विषय है और साहबज़ादों द्वारा दिखाया गया मार्ग हमारे भविष्य को दिशा देता रहेगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहबज़ादों की शहादत के दिन को ‘वीर बाल दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय अत्यंत सराहनीय है, ताकि देश जान सके कि आज़ादी और लोकतंत्र के लिए हमारे पूर्वजों ने कैसी-कैसी यातनाएं सहीं। उन्होंने गुरु अर्जन देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी तक सिख गुरुओं के बलिदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि औरंगज़ेब के अत्याचारों के बावजूद गुरुओं ने धर्म से समझौता नहीं किया। इसलिए वीर बाल दिवस के माध्यम से नई पीढ़ी को इस इतिहास से अवगत कराना आवश्यक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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