नाहन में स्थापित हुई पहली न्यूरो इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब
नाहन, 15 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश सरकार लोगों को बेहतर, गुणात्मक और अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्प है। प्रदेश में इंदिरा गांधी राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय शिमला, डा. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय टांडा (कांगड़ा), डा. यशवंत सिंह परमार राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नाहन, श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय नेरचौक (मंडी), डा. राधाकृष्णन राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय हमीरपुर, और पं. जवाहर लाल नेहरू राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय चंबा के साथ-साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
डा. यशवंत सिंह परमार आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं चिकित्सालय नाहन में प्रदेश की पहली न्यूरो इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी लैब स्थापित की गई है, जहां दिमाग, नसों और मांसपेशियों संबंधी बीमारियों से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया जा रहा है। विशेषकर 20 वर्ष तक के किशोरों और व्यस्क मरीजों का इलाज किशोर न्यूरो रोग विशेषज्ञ डा. पवन कुमार द्वारा किया जा रहा है।
डा. पवन कुमार ने बताया कि इस लैब में दिमाग, नसों और मांसपेशियों की बीमारियों की जांच के लिए 70 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक वीडियो ई.ई.जी. मशीन स्थापित की गई है, जो अगस्त 2024 से पूरी तरह से क्रियाशील होगी। वर्तमान में यहां प्रतिदिन 5-6 ई.ई.जी. टेस्ट किए जा रहे हैं। इस वर्ष सितंबर तक 350 मिर्गी के दौरे से ग्रस्त रोगियों, 40 नसों और मांसपेशियों से संबंधित मरीजों, 20 कम सुनने वाले रोगियों की (बेरा) जांच और 20 मरीजों की (वीईपी) जांच की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि यहां प्रतिदिन 2-3 छोटे बच्चों को, जिन्हें मिर्गी के दौरे पड़ते हैं, दाखिल कर इलाज किया जाता है, जबकि 20-25 न्यूरो संबंधी मरीज ओपीडी में आते हैं। डा. पवन कुमार ने कहा कि नाहन मेडिकल कॉलेज में हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा और पंजाब के न्यूरो रोग से ग्रस्त मरीज भी उपचार के लिए आ रहे हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।