पंडित नेहरू की किताब द विजनरी पर विपक्ष बताए कहां करनी है चर्चा : डॉ राजेश शर्मा
धर्मशाला, 16 दिसंबर (हि.स.)। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की फिलोसाॅफी को समझाती द विजनरी नामक किताब को लेकर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष राजेश शर्मा ने कहा है कि विपक्ष ने इसे लेकर पिछले दिनों बेवजह विवाद खड़ा करने की कोशिश की लेकिन जब हमने उन्हें इस पर चर्चा के लिए बुलाया तो कदम पीछे खींच लिए।
डॉ राजेश शर्मा ने मंगलवार को कहा है कि बेहतर होता कि विपक्ष पहले इस किताब को समझता उसके बाद इस पर बात करता लेकिन सस्ती लोकप्रियता के साथ-साथ आमजन में भ्रम फैलाने के इरादे से इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया गया। चूंकि उन दिनों धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा था, इसलिए ही मुद्दाविहीन विपक्ष इसे हथियार बनाकर बयानबाजी करता रहा।
डाॅ राजेश ने विपक्ष को एक बार फिर कहा है कि वह इस किताब को समझने के लिए धर्मशाला स्थित बोर्ड कार्यालय आए ताकि इस पर बैठकर चर्चा कर सके। अगर विपक्ष को लगता है कि बोर्ड कार्यालय नहीं जाना है तो विपक्ष जहां चाहे इस किताब पर चर्चा के लिए मैं जाने को तैयार हूं। वह बस मुझे जगह और समय बताएं। उन्होंने ये भी कहा है कि हम अपने लक्ष्य की तरफ बेबाकी से बढते रहेंगे,विपक्ष चाहे इसमें किसी भी तरह का अड़ंगा डालने की कोशिश करता रहे।
शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ राजेश शर्मा का कहना है कि हमें ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि हम आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे क्योंकि आज जो हम परोसेंगे वहीं भविष्य की नींव होगी। उन्होंने कहा है कि बतौर बोर्ड चेयरमैन मेरा दायित्व बनता है कि मैं स्कूली छात्रों के साथ-साथ युवा पीढ़ी को सही दिशा दिखाने व उन्हें इतिहास से परिचित करवाने की दिशा में काम करूं। उनका कहना है कि आज हमारी पीढ़ी पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में कितना जानती है,ये हम सबको पता है। जो कुछ इस दिशा में पिछले कुछ वर्षों में हुआ है,उसे सुधारने के लिए ये किताब काफी है।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया

