हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में वर्षा, शिमला में भूस्खलन
शिमला, 22 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून के एक बार फिर से सक्रिय होते ही झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया है। रविवार रात को शिमला, बिलासपुर औऱ कांगड़ा सहित अन्य जिलों में बारिश हुई। इससे सूखे जैसी स्थिति से राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आज व कल राज्य में भारी वर्षा की चेतावनी दी है। लाहौल-स्पीति औऱ किन्नौर को छोड़कर अन्य 10 जिलों में भारी वर्षा का ओरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 24, 25 व 26 जुलाई के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि राज्य में 26 जुलाई तक मानसून की सक्रियता से व्यापक वर्षा होने का अंदेशा है। उन्होंने लोगों व पर्यटकों से भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करने और नदी-नालों के किनारों से दूरी बनाने की हिदायत दी है।
मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार बीती रात बिलासपुर जिला के भराड़ी में सर्वाधिक 87 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा हमीरपुर जिला के भोरंज में 85, कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में 68, सिरमौर के धोलाकुआं में 62, कटुआला में 56, सरकाघाट में 53, घाघस में 48, कुफ़री में 35, बिलासपुर में 34, ओलिंडा में 33, बरठीं व सुंदरनगर में 32-32, सलापड व बागी में 30-30 और शिमला में 27 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है।
शिमला के उपनगर टूटू में भूस्खलन, बाल-बाल बचे कार सवार
शिमला में बीती रात हुई वर्षा के बाद उपनगर टूटू में भूस्खलन की घटना सामने आई है। सुबह-सुबह तारादेवी-टूटू सड़क पर कैंचीमोड़ में पहाड़ी से ल्हासा (विशालकाय पत्थर) सड़क पर जा गिरा। इससे सड़क अवरुद्ध हो गई। घटना के वक्त एक कार वहां से गुजर रही थी। कार सवार भूस्खलन की जद में आने से बाल-बाल बच गए। भूस्खलन के बाद लोकनिर्माण विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और ल्हासा हटाकर सड़क को बहाल किया गया।
मानसून सीजन में वर्षा जनित हादसों में गई 40 लोगों की जान
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। पिछले 25 दिनों में वर्षा से जुड़े हादसों में 40 लोगों की मौत हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक ऊंचाई से गिरने के कारण 16, पानी के तेज बहाव में बहने से 13, करंट से पांच औऱ सर्प दंश से चार लोगों की जान गई। इस अवधि में सिरमौर जिला में फ्लैश फ्लड की एक घटना सामने आई। राज्य में मानसून सीजन के दौरान 329 करोड़ का नुकसान आंका गया है। इसमें लोकनिर्माण विभाग को 114 करोड़ का नुकसान पहुंचा है। मानसून सीजन में 77 कच्चे-पक्के घर क्षतिग्रस्त हुए। इसके अलावा 57 पशुशालाएं और चार दुकानें धराशायी हुईं।
हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनीत निगम
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