हिमाचल में तीन दिन धीमा रहेगा मानसून, 25 अगस्त से भारी वर्षा का येलो अलर्ट
शिमला, 21 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून मंद पड़ गया है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए हैं। राजधानी शिमला में सुबह से गुनगुनी धूप खिली है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिन तक मानसून धीमा रहेगा और कहीं भी भारी बारिश होने की आशंका नहीं है। केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की व मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। विभाग ने 25 से 27 अगस्त तक गरज-चमक व तूफान के साथ भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है। इसे लेकर मैदानी व मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉक्टर कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 22, 23 व 24 अगस्त को मौसम खराब बना रहेगा लेकिन इस दौरान भारी वर्षा को लेकर किसी तरह का कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। 25, 26 व 27 अगस्त को मानसून की सक्रियता से कुछ स्थानों पर मेघगर्जना के साथ व्यापक वर्षा का येलो अलर्ट रहेगा। उन्होंने प्रदेश वासियों और बाहर से आने वाले सैलानियों से अपील की है कि वे अलर्ट वाले दिन आवश्यक यात्रा करने से बचें और नदी-नालों के समीप न जाएं। सैलानी भ्रमण के दौरान भूस्खलन संभावित स्थानों की तरफ जाने से भी परहेज करें।
उन्होंने कहा कि पिछले 24 घण्टों में मानसून के धीमे रहने से बारिश में कमी आई है। कांगड़ा जिला के पालमपुर में सर्वाधिक 56 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा बिलासपुर के नैना देवी में 28 व बरठीं में 23, धर्मशाला व पच्छाद में 15-15, जोगिन्दरनगर में 11, नाहन में नौ और डल्हौजी में सात मिमी वर्षा हुई है।
जुलाई में कम बरसे मेघ, अगस्त में सामान्य से अधिक वर्षा
बता दें कि प्रदेश में मानसून 27 जून को बरसना शुरू हुआ था। जुलाई माह में मानसून की सामान्य से करीब 28 फीसदी कम बारिश हुई। जबकि अगस्त महीने में मानसून सामान्य से नौ फ़ीसदी अधिक बरसा है। इस माह खूब जमकर बारिश हुई और कई जिलों में फ़्लैश फ्लड व भूस्खलन ने तबाही मचाई। 31 जुलाई की मध्यरात्रि शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने से जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा था।
बादल फटने, फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की 88 घटनाओं से सहमे लोग
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक 27 जून से 16 अगस्त तक राज्य में बादल फटने, फ्लैश फ्लड व भूस्खलन की 88 घटनाओं में 34 लोगों की जान गई और 33 लापता हैं। इन घटनाओं में 83 घर पूरी तरह से तबाह हुए और 38 को आंशिक तौर पर क्षति पहुंची। 17 दुकानें और 23 पशुशालाएँ भी ध्वस्त हुईं। मानसून से राज्य में 1192 करोड़ का नुकसान आंका गया है। मानसून के कहर से कई सड़कें व पुल टूटने से लोकनिर्माण विभाग को सर्वाधिक 540 करोड़ का नुकसान पहुंचा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा / सुनील शुक्ला
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