इतिहास, आस्था और उत्सव का संगम बनेगा मंडी का अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव-2026
मंडी, 23 दिसंबर (हि.स.)। मंडी का अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव-2026 इस बार विशेष, ऐतिहासिक और भव्य स्वरूप में आयोजित किया जाएगा। मंडी नगर की स्थापना के 500 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इस महोत्सव को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्णय आम सभा की बैठक में लिए गए। महाशिवरात्रि महोत्सव की प्रथम जलेब 16 फरवरी, दूसरी जलेब 18 फरवरी तथा तीसरी एवं अंतिम जलेब 21 फरवरी, 2026 को आयोजित की जाएगी।
विधायक धर्मपुर एवं आम सभा के अध्यक्ष चन्द्रशेखर की अध्यक्षता में आज कांगणीधार स्थित संस्कृति सदन में साधारण सभा की बैठक आयोजित की गई। बैठक में देवताओं के ठहराव एवं आदर-सत्कार की व्यवस्था, सांस्कृतिक व खेलकूद कार्यक्रमों का स्वरूप, स्वच्छता एवं यातायात प्रबंधन, कला एवं साहित्य महोत्सव, स्मारिका प्रकाशन तथा वित्तीय संसाधन जुटाने सहित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
आम सभा की अध्यक्षता करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि इस बार शिवरात्रि मेले को पूरी भव्यता और गरिमा के साथ आयोजित किया जाएगा। मंडी शहर के 500 वर्ष पूर्ण होने के अवसर को स्मरणीय बनाने के लिए शहर में 10 प्रमुख स्थान चिन्हित किए जाएंगे, ताकि आमजन और श्रद्धालुओं को यह अनुभूति हो कि मंडी अपने ऐतिहासिक सफर के 500 वर्ष पूर्ण कर चुकी है। उन्होंने सभी सदस्यों से आयोजन को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग का आह्वान किया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि इस बार शिवरात्रि महोत्सव के सभी प्रमुख कार्यक्रम एंटी चिट्टा थीम पर आधारित होंगे। पिछले वर्ष प्रारंभ की गई व्यास आरती इस वर्ष भी आयोजित की जाएगी। नशा मुक्ति के संदेश को व्यापक बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों को भी एंटी चिट्टा कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा।
खेल गतिविधियों को लेकर निर्णय लिया गया कि पिछले वर्ष की भांति इस बार भी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। क्रिकेट लीग का आयोजन जनवरी माह में किया जाएगा, जिसमें 32 टीमें भाग लेंगी और लीग आधार पर कुल 31 मैच आयोजित होंगे। खेल प्रतियोगिताओं में मंडी जिला के खिलाड़ियों को अधिक अवसर दिए जाएंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संबंध में निर्णय लिया गया कि इस बार सांस्कृतिक संध्याओं के लिए केवल हिमाचली कलाकारों को ही आमंत्रित किया जाएगा और किसी अन्य राज्य के कलाकारों को नहीं बुलाया जाएगा। प्रदेश के आपदा काल से गुजरने के मद्देनजर स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अधिक से अधिक मंच प्रदान करने पर सहमति बनी। हालांकि, पिछले वर्ष की भांति विदेशों के कलाकारों को इस बार भी मेले में आमंत्रित किया जाएगा। सभी सांस्कृतिक संध्याएं सेरी मंच पर ही आयोजित होंगी।
देवताओं के ठहराव को लेकर बैठक में कई सुझाव सामने आए। सदस्यों ने पड्डल मैदान में चानणी से लेकर खेल विभाग कार्यालय तक की पौड़ियों पर देवताओं को विराजमान करवाने का सुझाव दिया, जबकि कुछ सदस्यों ने इंदिरा मार्केट की छत पर ठहराव का प्रस्ताव रखा। सर्वदेवता समिति एवं कारदार संघ की ओर से अस्थायी पैगोड़ा शैली के तंबू लगाने का सुझाव भी दिया गया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि मौके पर स्थान का निरीक्षण कर सभी की सहमति से निर्णय लिया जाएगा तथा देवताओं को पूर्ण मान-सम्मान प्रदान किया जाएगा।
स्वच्छता व्यवस्था को लेकर यह निर्णय लिया गया कि मेले के दौरान अतिरिक्त सफाई प्रबंध किए जाएंगे। कूड़ा उठाने के लिए अतिरिक्त गाड़ियां लगाई जाएंगी तथा विभिन्न स्थानों पर डस्टबिन स्थापित किए जाएंगे। उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा, जिसके लिए प्रथम पुरस्कार 7100, दूसरा 5100 तथा तीसरा 3100 रुपए निर्धारित किया गया। मेले से पूर्व नगर निगम द्वारा शहर की सड़कों की मरम्मत करवाई जाएगी, जबकि लोक निर्माण विभाग मलोरी टनल से लेकर पुल घराट तक सड़क की बीयरिंग का कार्य करेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

