काग़ज़ों में सुविधाएं, मैदान में शून्य सरकार की खेल नीति, खिलाडियों से हो रहा अन्याय: राकेश जमवाल

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काग़ज़ों में सुविधाएं, मैदान में शून्य सरकार की खेल नीति, खिलाडियों से हो रहा अन्याय: राकेश जमवाल


काग़ज़ों में सुविधाएं, मैदान में शून्य सरकार की खेल नीति, खिलाडियों से हो रहा अन्याय: राकेश जमवाल


मंडी, 04 दिसंबर (हि.स.)। विधानसभा में प्रश्न संख्या 3768 पर चर्चा के दौरान सुंदरनगर से भाजपा विधायक राकेश जमवाल ने सरकार की खेल नीति की गंभीर खामियों को उजागर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सरकार केवल घोषणाएँ कर रही है, जबकि खिलाड़ियों को ज़मीनी स्तर पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है।

उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के इटानगर में 24अक्टूबर 2025 से 4नवम्बर 2025 तक आयोजित राष्ट्रीय अंडर-17 बॉक्सिंग प्रतियोगिता में हिमाचल के खिलाड़ी अपने खर्च पर गए, जबकि सरकार दावा कर रही है कि 200 किलोमीटर तक एसी-3 और उससे अधिक दूरी पर एयर इकोनॉमी क्लास की यात्रा सुविधा 2024 से लागू कर दी गई है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सुविधाएँ शुरू हो चुकी हैं, तो फिर स्कूल स्तर के खिलाड़ियों को इसका लाभ क्यों नहीं दिया गया और किस स्तर पर यह कथित सुविधा लागू की गई है।

जमवाल ने सदन में यह भी पूछा कि क्या यही यात्रा सुविधा इंटर-यूनिवर्सिटी, खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी मिल रही है, क्योंकि मैदान से मिलने वाली सूचनाएँ कुछ और ही इशारा करती हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार सच में खेल को लेकर गंभीर है तो सबसे पहले नोटिफिकेशन की प्रति सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक पहुँचना सुनिश्चित किया जाए, ताकि खिलाड़ियों को भ्रमित न किया जाए और घोषित सुविधाएं उन तक पहुंच सकें।

सरकार द्वारा जून 2024 में बढ़ाई गई डायट मनीपर भी जमवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि यह सिर्फ कागजों में सीमित है। मैदान में खिलाड़ियों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा। खेल मंत्री बार-बार आवेदन नहीं आया और रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है जैसे बहानों के पीछे छुपते दिखे, जिससे साफ है कि सरकार खिलाड़ियों पर ही दोष डालकर अपने कर्तव्य से बचने की कोशिश कर रही है।

जमवाल ने सदन में एक बड़े मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए बताया कि ज्वालामुखी महाविद्यालय की एक बेटी जिसने अमेरिका में विश्व स्तर पर गोल्ड मेडल जीतकर हिंदुस्तान और हिमाचल का नाम रोशन किया, उसे आज तक न सम्मान मिला, न प्रोत्साहन राशि। उन्होंने इसे हिमाचल की प्रतिभाओं के साथ सीधा अन्याय बताया और कहा कि विश्व विजेता खिलाड़ियों की अनदेखी सरकार की खेल नीति की वास्तविक तस्वीर सामने रखती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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