महा साक्षरता: कानूनी अधिकार, नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण व आपदा पुनर्वास पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी

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महा साक्षरता: कानूनी अधिकार, नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण व आपदा पुनर्वास पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारी


मंडी, 07 दिसंबर (हि.स.)। मंडी जिला के उपमंडल विधिक सेवा समिति पधर के तत्वाधान में आज ग्राम पंचायत चेली में महा साक्षरता शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस शिविर में कानून संबंधी विभिन्न अधिकारों, नशे से मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण तथा प्राकृतिक आपदा के दौरान पुनर्वास कार्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमंडल विधिक सेवा समिति पधर की अध्यक्षा एवं प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट पधर गीतिका यादव ने की।

उन्होंने कहा कि इस मेगा लिटरेसी शिविर का मुख्य उद्देश्य जन सामान्य को उनके अधिकारों एवं सामाजिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि विधिक जागरूकता सशक्त समाज की नींव है और प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी समझे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओं के रूप में एसडीएम पधर सुरजीत सिंह, एसएचओ पधर अनिल कुमार कटोच, बार एसोसिएशन अध्यक्ष वी. आर. मुगलाना, वरिष्ठ अधिवक्ता आर. के. चंदेल तथा सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी नवजोत मियां विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

एसडीएम सुरजीत सिंह ने प्राकृतिक आपदा पीड़ितों के पुनर्वास विषय पर विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की महत्वपूर्ण धाराओं और प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि आपदा के दौरान सरकार और आम जनता दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने लोगों को आपदा के समय व्यवहार, राहत प्रक्रिया, पुनर्वास व्यवस्था तथा सामुदायिक सहयोग की अहमियत के बारे में जागरूक किया।

एसएचओ अनिल कुमार कटोच ने नशा उन्मूलन विषय पर बोलते हुए कहा कि नशा न केवल युवा पीढ़ी को नुक्सान पहुंचा रहा है बल्कि समाज की नींव को भी कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में पुलिस के साथ-साथ अभिभावकों और समाज की भूमिका अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने लोगों को बताया कि संदिग्ध गतिविधियों की गुप्त सूचना देने के लिए पुलिस विभाग विभिन्न माध्यम उपलब्ध करवा रहा है।

वरिष्ठ अधिवक्ता आर. के. चंदेल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि नशा करने वाला व्यक्ति अपराधी नहीं बल्कि एक बीमारी का शिकार होता है, इसलिए उसे सुधारने के अवसर देना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कानून नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करता है तथा इस दिशा में सामूहिक प्रयास अनिवार्य है।

सहायक वन संरक्षक नवजोत मियां ने पर्यावरण बचाओ और पृथ्वी बचाओ विषय पर जागरूकता प्रदान की। उन्होंने भारतीय वन अधिनियम-1927, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972, वन संरक्षण अधिनियम तथा वन अधिकार अधिनियम-2006 के महत्वपूर्ण प्रावधानों की जानकारी दी और कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी जिम्मेदारी नहीं बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।

कार्यक्रम के दौरान पंचायत प्रधान चंपा देवी ने न्यायिक मजिस्ट्रेट गीतिका यादव को सम्मानित किया और ग्राम पंचायत में महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उपमंडल विधिक सेवा समिति का धन्यवाद किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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