सोना चांदी व नोटों से भरी झील कमरूनाग में सफाई

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सोना चांदी व नोटों से भरी झील कमरूनाग में सफाई


मंडी, 31 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिले की कमरूघाटी में समुद्रतल से 8 हजार फीट की उंचाई पर स्थित कमरूनाग झील जिसमें यहां पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालु मन्नत व श्रद्धा के तौर पर सोना चांदी सिक्के व नोट अर्पित करते हैं, में सफाई अभियान शुरू हो गया है। हर तीसरे साल इस झील की सफाई देवता के आदेश व तय समय में होती है। इस सफाई अभियान की शुरूआत मंडी और सुकेत से आए सैंकड़ों देवलुओं के जयकारों के साथ हुई। देवता की पवित्र झील की सफाई हो रही है। देवता की झील को निर्मल किया जा रहा है। यह अभियान सात दिन तक चलेगा।

बीते रविवार की रात पवित्र कमरुनाग झील में देवता की जाग हुई थी। देवता की पवित्र झील की गूर देवी सिंह उर्फ देबू और मीशरु के गूर ने परिक्रमा की। यह दिव्य नजारा अलौकिक था। यह दिव्य दृश्य हर तीन साल बाद देव समाज और देवलुओं को देखने को मिला है। मगर इस बार एक साल देरी से चौथे वर्ष नारायण स्वरूप अधिष्ठाता बड़ा देव कमरुनाग की चौथे वर्ष यह परंपरा निभाई गई। पवित्र झील की सफाई देवता के नियमों और नीतियों के साथ हो रही है।

देव कमरुनाग ने अपने भक्त और देवलू को चावल के सात पांच दाने दिए और इस बीच पवित्र झील में मानव प्रवेश से देवता के झील की सफाई शुरू हुई। देवता के गूर देवी सिंह ने बताया कि झील की सफाई विधिवत शुरू हो गई है और जाग भी पूर्ण हो गई है। कमरुनाग की झील में स्नान नहीं बल्कि लोग मन्नत पूरी होने पर सोनाए चांदी और नगदी चढ़ाते हैं। झील की हर तीसरे वर्ष सफाई के दौरान ही देव आज्ञानुसार ही इस झील में मानव प्रवेश होता है वह भी मात्र सफाई करने को। उनके अनुसार सफाई के दौरान जो भी नोटए सिक्केए सोना चांदी व गहने निकाले जाएंगे उनको फिर से झील में ही अर्पित कर दिया जाएगा क्योंकि यह श्रद्धालुओं का झील के प्रति चढ़ावा है जिस पर सिर्फ देवता स्वरूप झील का ही हक रहता है। यह सब बेहद रोचक व आश्चर्यजनक दिखता है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा / सुनील शुक्ला

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