सुंदरनगर में जिला स्तरीय किसान समूह मेला एवं रक्तदान शिविर आयोजित

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सुंदरनगर में जिला स्तरीय किसान समूह मेला एवं रक्तदान शिविर आयोजित


मंडी, 25 दिसंबर (हि.स.)। कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर के सामुदायिक भवन में जिला परियोजना प्रबंधन इकाई मंडी द्वारा हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना-II कृषि विभाग के अंतर्गत जिला स्तरीय किसान समूह मेला एवं स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि परियोजना निदेशक एचपीसीडीपी-II (जेआईसीए-ओडीए) डॉ. सुनील चौहान तथा एसडीएम सुंदरनगर अमर नेगी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि डॉ. मदन कुमार ने किसान मेले में विभिन्न किसान समूहों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का निरीक्षण किया तथा उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसान समूहों के सदस्यों को सम्मानित किया। उन्होंने स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भी अवलोकन किया, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान कर सामाजिक दायित्व का परिचय दिया। एडीएम डॉ. मदन कुमार ने फसल विविधीकरण, प्राकृतिक खेती एवं सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होते हैं। उन्होंने जय जवान, जय किसान नारे की प्रासंगिकता पर बल देते हुए कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं तथा जय विज्ञान को इससे जोड़ते हुए आधुनिक तकनीकों के प्रयोग से उत्पादन और आय बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, जिसके लिए आधुनिक तकनीक, बेहतर विपणन सुविधाएं और क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एडीएम डॉ. मदन कुमार ने रक्तदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि रक्तदान महादान है और समय पर उपलब्ध कराया गया रक्त अनेक अमूल्य जिंदगियां बचा सकता है। उन्होंने युवाओं एवं आम नागरिकों से स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आने का आह्वान किया।

परियोजना निदेशक डॉ. सुनील चौहान ने जानकारी दी कि एचपीसीडीपी-II परियोजना के तहत जिले में 86 सिंचाई योजनाओं की डीपीआर तैयार की गई है, जिससे 2,194.90 हेक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित हो रहा है। इनमें 42 योजनाएं पूर्ण, 36 निर्माणाधीन हैं तथा 27 योजनाएं किसान जल उपयोगकर्ता संघों को सौंपी जा चुकी हैं, जिससे 10,873 किसान परिवारों को लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि 54 उप-परियोजनाओं में फसल विविधीकरण के तहत 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में सब्जी उत्पादन आरंभ किया गया है। इसके अतिरिक्त कृषि संपर्क मार्ग, सोलर फेंसिंग, कृषि यंत्रीकरण, प्रशिक्षण, डेयरी इकाइयों एवं किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से किसानों की आय सुदृढ़ की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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