कथाकार मुरारी शर्मा की कहानी फेगड़े के फूल का होगा नाट्य मंचन
मंडी, 30 जून (हि.स.)। कथाकार मुरारी शर्मा की चर्चित कहानी फेगड़े का फूल का नाटय मंचन होने वाला है। हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान एवं रंगमंडल की ओर से इसको लेकर सामुदायिक भवन कोटली में एक बाल कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें इस कहानी को लेकर नाट्य प्रस्तुति की जा रही है। हिमाचल सांस्कृतिक शोध संस्थान एवं रंगमंडल की संचालिका एवं रंगकर्मी सीमा शर्मा द्वारा इस कहानी का नाटय रूपांतरण एवं निर्देशन किया जा रहा है।
सीमा शर्मा ने बताया कि बाल रंगमंच को बढ़ावा देने के लिए कोटली में यह बाल रंगमंच कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने बताया कि आगामी 12 जुलाई को हिमाचल के मशहूर कहानीकार मुरारी शर्मा की कहानी फेगड़े का फूल बच्चों के बीच पढ़वा कर उपर नाटकीय प्रस्तुति तैयार की जा रही है।
उन्होंने बताया कि मुरारी शर्मा के कहानी संग्रह बाणमूठ से ली गई यह कहानी बाल मनोविज्ञान की अदभुत रचना है। जिसमें एक बच्चा फेगड़े के फूल की तलाश में भटकता रहता है। उसकी दादी ने उसे बताया था कि फेगड़े का फूल बहुत ही चमत्कारी फूल होता है। जिसके भी पास यह फूल होता है, उसे मुंहमांगी मुराद मिल जाती है। कहानी का यह बच्चा फेगड़े के फूल के माध्यम से अपने छोटे-छोटे सपनों को पूरा करना चाहता है। वह इसे अनाज के भंडार में रखना चाहता है ताकि उसके पेड़ू का दाणे कभी खत्म ही न हो। वह फेगड़े के फूल से प्यार आपसी सौहार्द और भाई चारे की उम्मीद करता है। वहीं बड़ों की बिगाड़ी हुई दुनिया को फेगड़े के फूल के माध्यम से सुधारना चाहता है। इस कहानी को राष्ट्रीय स्तर पर पाठकों और समीक्षकों द्वारा खूब सराहा गया है। डोगरी की प्रख्यात कवयित्री एवं फिल्म लेखिका पदमा सचदेव ने इस कहानी को बाल मनोविज्ञान की श्रेष्ठ कहानियों में शुमार किया है।
एचपीयू के अंग्रेजी पाठ्यक्रम में है शामिल
मुरारी शर्मा की यह कहानी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अंतर्गत बीए तृतीय वर्ष के अंग्रेजी पाठयक्रम में शामिल की गई है। इस कहानी का अंग्रेजी अनुवाद प्रोफेसर मीनाक्षी ई पॉल द्वारा किया गया है। लीवस इन द स्काई पुस्तक में यह कहानी फेगड़ा ब्लॉसम शीर्षक से प्रकाशित हुई है। इस कहानी पर बच्चों के माध्यम से मंचन करना एक बड़ी उपलब्धि है।
हिन्दुस्थान समाचार/ मुरारी/सुनील
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