हमारे जीवन की रीड़ हैं वन : कमलेश ठाकुर

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हमारे जीवन की रीड़ हैं वन : कमलेश ठाकुर


धर्मशाला, 30 जुलाई (हि.स.)। वन और प्रकृति हमारे प्रदेश की आर्थिकी, पर्यटन और जीवन की रीड़ हैं। हमारे प्रदेश में वनों का संरक्षण वास्तव में अपनी पहचान और अस्तित्व का ही संरक्षण है। इसलिए वनों को बचाने और बढ़ाने की जिम्मेदारी समाज के प्रत्येक वर्ग की है। देहरा विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को 75वें परिक्षेत्र स्तरीय वन महोत्सव का शुभारंभ करते हुए स्थानीय विधायक कमलेश ठाकुर ने यह बात कही।

कमलेश ठाकुर ने वन महोत्सव की शुरुआत ग्राम पंचायत कल्लर से आंवला किस्म का पौधा रोपित कर की। इस दौरान विधायक ज्वालामुखी संजय रतन भी उपस्थित रहे।

वन महोत्सव की अध्यक्षता करते हुए कमलेश ठाकुर ने कहा कि वनों के संरक्षण और विकास के लिए सरकार के साथ-साथ समाज को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। वनों को लगाना, बढ़ाना और बचाने का कार्य किसी एक विभाग या वर्ग का न होकर सामुहिक होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज हम सब लोग स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हैं, स्वच्छ वातावरण में रह रहे हैं, इसका श्रेय हमसे पहले की पीढ़ियों को जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे आने वाली पीढ़ियां भी इसी प्रकार स्वच्छ हवा में सांस लें यह जिम्मेदारी हमारी है। इसके लिए हमें वनों को बचाना और बढ़ाना होगा। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम पांच पौधे लगाने और उनके संरक्षण की प्रतिज्ञा लेने को कहा।

रोपे जाएंगे ढाई लाख पौधे

बकौल कमलेश ठाकुर, देहरा वन मंडल के अंतर्गत इस सीजन में 2 लाख 50 हजार पौधे रोपित करने का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने कहा कि कुल 300 हेक्टेयर के क्षेत्र में विभिन्न प्रजातियों के पौधे इस दौरान रोपित किए जाएंगे। उन्होंने वन विभाग को देहरा में हरित क्षेत्र को बढ़ाने के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए तथा आम जनमानस को इस अभियान में सम्मिलित करने की बात कही।

परिजन की तरह करें पौधों का पालन

कमलेश ने कहा कि वन महोत्सव पर पौधरोपण को केवल औपचारिकता न समझें तथा इन रोपित किए गए पौधों का एक परिजन की तरह पालन पोषण भी करें। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे जन्मोत्सव तथा अन्य समारोह में उपहार के रूप में पौधे भेंट करें। इससे न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा बल्कि हरित क्षेत्र भी बढ़ेगा।

विलेज फॉरेस्ट डेवलेपमेंट सोसाइटी को बांटे चेक

विधायक देहरा ने बताया कि देहरा में जाईका और के.डब्ल्यू.एफ के सहयोग से वन विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन और प्रकृति संरक्षण का कार्य बिना समाज की सहभागिता के संभव नहीं है। इन कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों को भागीदार बनाकर पौधारोपण, भू-संरक्षण, जल संरक्षण, लेंटन को हटाने सरीखे अनेक कार्यों को किया जा रहा है। उन्होंने जाइका प्रोजेक्ट के अन्तर्गत इनकम जेनरेशन एक्टिविटी के तहत सिलाई मशीन व देहरा विधानसभा की चार विलेज फॉरेस्ट डेवलपमेंट सोसाइटी को चार लाख रूपये के चेक भी वितरित किए।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया / सुनील शुक्ला

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