तिब्बती समुदाय ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन, दिरिचु नदी पर बांध बनाने का किया विरोध
धर्मशाला, 12 फरवरी (हि.स.)। चीन द्वारा तिब्बत की द्रिचू नदी पर बनाए जा रहे बांध के विरोध में वीरवार को मैक्लोडगंज में तिब्बती संगठनों ने चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया। तिब्बती संगठनों ने इस बांध के बनने से वहां आसपास रह रहे तिब्बतियों को जबरन उठाकर दूसरी जगह भेजे जाने का विरोध किया है। वीरवार शाम को मैक्लोडगंज के मुख्य चौक पर निर्वासित तिब्बतियों के विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर तिब्बत में रह रहे तिब्बतियों के समर्थन और चीन के विरोध में आवाज बुलंद की।
रिजनल तिब्बतियन यूथ कांग्रेस के सचिव तेन्जिन लोबसंग ने कहा कि चीन द्वारा तिब्बतियों के रहन-सहन और जीने के तरीके को तहस-नहस किया जा रहा है। तिब्बतियों के विभिन्न 4 संगठनों के सौ से अधिक लोगों व पदाधिकारियों ने चीन द्वारा तिब्बतियों के शोषण रोकने के प्रति आगाह किया।
उन्होंने कहा कि पहले चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया और अब वहां के लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ तिब्बत के अध्यक्ष तशी ने कहा कि तिब्बत अभी चीन के कब्जे में है। तिब्बत के ईस्टर्न एरिया में तिब्बतियों के दो गांवों के तिब्बतियों को उजाड़ा जा रहा है। गांव के साथ नदी है, वहां पर चीन बांध बनाने जा रहा है। बांध बनाने के चलते वहां पर स्थित बौद्ध मठों को भी तोड़ने की योजना चीन बना रहा है।
उन्होंने कहा कि रैली व प्रदर्शन के माध्यम से हम चीन को संदेश देना चाहते हैं कि विश्व भर में रह रहे तिब्बती बांध का विरोध करते हैं। इससे पहले भी चीन कई बांध बना चुका है। ईको सिस्टम को काफी नुकसान हो रहा है, तिब्बतियों को अपनी जमीन से हटाकर, बेघर किया जा रहा है। जो बांध तिब्बत की नदी पर चीन द्वारा बनाया जा रहा है, उससे न तो चीन और न ही तिब्बत को फायदा होगा। करोड़ों लोग तिब्बत की द्रीचू नदी पर निर्भर करते हैं, उन्हें इस नदी पर बांध बनने से काफी परेशानी होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील
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