तिब्बती नववर्ष 'लोसर' शुरू, तिब्बती समुदाय ने दलाई लामा मंदिर में पूजा अर्चना के साथ की शुरूआत
धर्मशाला, 10 फरवरी (हि.स.)। तिब्बती नववर्ष यानि ‘लोसर’ शनिवार से शुरू हो गया। तीन दिवसीय लोसर का यह पर्व 12 फरवरी तक चलेगा। तिब्बती समुदाय ने हर बार की तरह लोसर का आगाज सुबह-सुबह मैकलोड़गंज स्थित मुख्य बौद्ध मठ चुगलांखंग में पूजा अर्चना के साथ किया। इस खास मौके पर तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा सहित निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री डा. पेंपा सेरिंग, संसद अध्यक्ष खेनपो सोनम तेनफेल और सांसदों ने भारत सहित विदेशों में रह रहे तिब्बती समुदाय को लोसर की बधाई देते हुए उनके बेहतर भविष्य की कामना की है।
गौर हो कि लोसर को तिब्बती समुदाय हर साल बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। भारत सहित विश्व के अन्य देशों में रह रहे तिब्बती समुदाय इस पर्व को एक दूसरे के साथ मिलकर पूरे जोश के साथ मनाते हैं। तीन दिनों तक तिब्बती समुदाय के लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं तथा एक दूसरे के घर जाकर मिलकर नए साल का स्वागत करते हैं।
गौरतलब है कि इस बार का तिब्बती नववर्ष लोसर 2151 को वुड-डैªगन वर्ष के रूप में माना गया है। इस खास मौके पर निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री पेंपा सेरिंग ने अपने भारत और विदेशों में रह रहे तिब्बतियों को लोसर की बधाइयां देते हुए तिब्बत वापसी की कामना को और जीवंत किया।
वहीं उन्होंने अपने समुदाय से अपील भी की है कि तिब्बत की आजादी और निर्वासितों की जिंदगी जी रहे तिब्बतियों की घर वापसी के लिये जो आजादी की लौ उन्होंने जगा रखी है वो किसी भी सूरत में बुझनी नहीं चाहिये। उन्होंने इस अवसर पर परम पावन 14 वें दलाई लामा के लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए भी प्रार्थना की है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील
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