टीबी उनमूलन में कांगड़ा प्रशासन के प्रयासों को नीति आयोग ने सराहा

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धर्मशाला, 10 अक्टूबर (हि.स.)। नीति अयोग सदस्य डॉ विनोद पॉल ने जिला कांगड़ा में टीबी उन्मूलन के प्रयासों की सराहना की। उन्होने कहा कि कांगड़ा प्रशासन द्वारा मन्दिर न्यासों द्वारा टीबी के मरीजों को पोषण सहायता देना अनूठी पहल की गई है। उन्होंने आज धर्मशाला में निक्षय मित्र सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। इस दौरान उपायुक्त हेमराज बैरवा भी उपस्थित रहे। डॉ. पॉल ने बताया कि टीबी की समस्या कुपोषण से जुड़ी हुई है। भारत में 55 प्रतिशत टीबी कुपोषण के कारण है। यदि टीबी के रोगी को मनोसामाजिक सहायता और अच्छा पोषण मिले तो उसके जल्दी ठीक होने की संभावना अधिक हो जाती है।

उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र योजना टीबी के मरीजों का मनोबल बढ़ाने की एक अच्छी पहल है। डॉ पॉल जो स्वयं निक्षय मित्र हैं, उन्होंने सभी से अपील की कि टीबी को हराने के लिए जन भागीदारी में सब आगे आयें। उनहोंने बताया कि टीबी के इलाज के दौरान आहार की गुणवत्ता का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। संतुलित व पौष्टिक आहार न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि दवाओं के असर को भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर संतुलित आहार को अपनाएं और टीबी को मात दें।

जिलें में किए जा रहे गंभीर प्रयासः डीसी

उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि टीबी उन्मूलन को लेकर प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत 1087 टीबी के साथ जी रहे व्यक्तियों ने सहायता के लिए सहमति दी है, जिसमें से सितंबर माह में 672 रोगियों को निक्षय मित्रों द्वारा मनोसामाजिक व पोषण सहायता दी गई।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

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