सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजा पांच करोड़ के मानहानि का नोटिस
धर्मशाला, 04 अप्रैल (हि.स.)। भाजपा में शामिल हुए धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पांच करोड़ का मानहानि का नोटिस भेजा है। पांच पेज का यह नोटिस सुधीर शर्मा के वकील की ओर से मुख्यमंत्री को भेजा गया है। नोटिस के मुताबिक, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने भाषणों में बार-बार सुधीर शर्मा पर कीचड़ उछाला है। कई अपमानजनक टिप्पणियां की हैं, जिससे उनकी मानहानि हुई है।
सुधीर शर्मा की ओर से जारी नोटिस के मुताबिक मुख्यमंत्री सुक्खू ने सुधीर शर्मा पर कई झूठे आरोप और गलत टिप्पणियां की है। मुख्यमंत्री के बयान बकायदा अखबार और टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक में प्रकाशित और प्रसारित हुए हैं। उनके बयान से सुधीर शर्मा की छवि, प्रतिष्ठा और मान की हानि हुई है। इसकी भरपाई के लिए मुख्यमंत्री को पांच करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा गया है।
भाजपा नेता सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री इन दिनों ऐसे बयान दे रहे हैं, जो बेहद हास्यास्पद हैं। सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री आज भी युवा कांग्रेस के प्रधान की तरह ही बातें करते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को पांच करोड़ रुपए का नोटिस भेजने के बाद सुधीर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जो बातें कहते हैं, उसके सबूत उन्हें जनता के सामने रखने चाहिएं। मुख्यमंत्री बौखलाहट में बयानबाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि वे निजी फंक्शन में इन्वेस्टर मीट के नाम पर दुबई क्यों गए। उनके दुबई दौरे पर सरकारी खर्च क्यों हुआ।
सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मेडिकल डिवाइस पार्क के 100 करोड़ रुपए केंद्र सरकार को वापस कर रहे हैं या नहीं। इसका जवाब भी मुख्यमंत्री को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास उनके आरोपों के कोई सबूत नहीं हैं, लेकिन उनके पास सारे सबूत हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री को सारे सवालों का जवाब अदालत में देना होगा।
गौरतलब है कि सुधीर शर्मा समेत छह कांग्रेस और तीन निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन को अपना मत दिया था। पूर्ण बहुमत की सरकार के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे। इसके बाद से यह सभी विधायक करीब एक महीने तक हिमाचल से बाहर थे। क्रॉस वोटिंग के बाद छह कांग्रेस विधायकों को स्पीकर ने अयोग्य करार दे दिया था।
इस बीच एक महीने बाद वापिस लौटे सभी नौ विधायकों में से कांग्रेस के छह बागी और तीन निर्दलीय विधायक भाजपा में शामिल हो गए और अब छह सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने बागी विधायकों को ही अपना उम्मीदवार बनाया है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील
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