स्कूल शिक्षा बोर्ड के पक्ष में उतरा हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ

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धर्मशाला, 30 मई (हि.स.)।

जमा दो परीक्षा परिणाम को लेकर भले ही छात्र संगठन एबीवीपी ने हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को कटघरे में खड़ा किया हो लेकिन दूसरी ओर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ (एचजीटीयू) बोर्ड के पक्ष में खड़ा हो गया है। संघ ने बोर्ड का पक्ष लेते हुए साफ किया है कि इस मामले में स्कूल शिक्षा बोर्ड ने त्वरित कार्यवाही करते हुए न केवल जमा दो के वर्ष 2025 के परीक्षा परिणाम को संशोधित किया बल्कि समय रहते अपनी गलती भी स्वीकार कर ली।

संघ के राज्य अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने शुक्रवार को जारी प्रेस बयान में कहा है कि बोर्ड के सचिव डॉक्टर मेजर विशाल शर्मा का काम शिक्षकों व विद्यार्थी हित में बेहतरीन व सराहनीय रहा है। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों द्वारा धर्मशाला में शिक्षा बोर्ड के सचिव के कार्यलय में अभद्र व्यवहार, तोड़फोड़ व अकारण नारेबाजी की गई जो कि छात्रहित में कतई हितकारी नही है। ऐसा अशोभनीय व्यवहार छात्रों की तरफ से किसी सरकारी कार्यलय की कार्यशैली के लिए असहनीय है।

चौहान ने कहा कि शिक्षा बोर्ड सचिव के समय से बोर्ड की कार्यशैली में महत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं जिससे न केवल छात्रों अपितु विभिन्न स्तर पर ड्यूटी देने वाले शिक्षकों के लिए भी वरदान साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए बेहतरीन प्रयासों के साथ साथ परीक्षाओं की गोपनीयता, डिजिटलाइजेशन, चरणबद्ध डेपुटेशन, पारदर्शी डेपुटेशन व संसाधनों की परीक्षा केंद्रों में सुलभता हेतु अथाह प्रयास किये गए हैं। ऐसे में प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ इस समय पूरे तन मन से स्कूल शिक्षा बोर्ड सचिव के साथ खड़ा है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया

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