सरहदों की रक्षा में प्रदेश के रणबांकुरों का अमूल्य योगदान: कुलदीप सिंह पठानिया

सरहदों की रक्षा में प्रदेश के रणबांकुरों का अमूल्य योगदान: कुलदीप सिंह पठानिया
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सरहदों की रक्षा में प्रदेश के रणबांकुरों का अमूल्य योगदान: कुलदीप सिंह पठानिया


धर्मशाला 26 जनवरी (हि.स.)। देश के 75वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर धर्मशाला के पुलिस मैदान में जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह पूरे उत्साह, उमंग व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने समारोह की अध्यक्षता की। इस दौरान पुलिस ग्राउंड में राष्ट्रीय ध्वज फहराया तथा पुलिस और होमगार्ड व एनसीसी की टुकड़ियों द्वारा निकाले गए आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली। इससे पहले युद्ध स्मारक धर्मशाला में बलिदानी वीरों को श्रद्वासुमन अर्पित कर उनकी स्मृतियों को नमन किया।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि 26 जनवरी का दिन सभी भारतवासियों के लिए एक गौरवमयी दिवस है। वर्ष 1950 को इसी दिन भारत का महान संविधान प्रभावी हुआ था और देश में लोकशाही का स्वप्न साकार हुआ । उन्होंने संविधान निर्माताओं के साथ-साथ सभी स्वतंत्रता सेनानियों के तप, त्याग और बलिदान को स्मरण करते हुए नमन किया, साथ ही देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने में प्राण न्योछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि सरहदों की रक्षा में हिमाचल के वीर सपूतों का अमूल्य योगदान रहा है कांगड़ा जिला के दो वीर जवानों को परमवीर चक्र से भी नवाजा जा चुका है।

उन्होंने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का मुख्य जरिया है। प्राकृतिक, ग्रामीण, बागवानी, साहसिक तथा धार्मिक पर्यटन पर भी राज्य सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे तथा ग्रामीण स्तर तक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए पर्यटन परियोजनाओं को स्टार्ट-अप योजना से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में भी हिमाचल प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिए वर्तमान सरकार निवेश को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है तथा प्रदेश के युवा सुरक्षा बलों व सैन्य बलों में सेवा करना अपनी शान समझते हैं। प्रदेश सरकार ने सैनिकों तथा भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों को अनेक सुविधाएं प्रदान की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा परमवीर चक्र व अशोक चक्र विजेताओं को वार्षिकी के तौर पर तीन लाख रुपये, महावीर चक्र व कीर्ति चक्र विजेताओं को वार्षिकी के तौर पर दो लाख रुपये, वीर चक्र व शौर्य चक्र विजेताओं को वार्षिकी के तौर पर एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध में शहीद सैनिकों की अनुग्रह अनुदान राशि 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की गई है। अन्य कारणों से वीरगति प्राप्त होने पर सैनिकों की अनुग्रह राशि 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपये की गई है। समारोह में सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/उज्जवल

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