केंद्रीय विवि के विद्यार्थियों ने जानी टिकाऊ खेती व नवीन कृषि की तकनीक

धर्मशाला, 18 मार्च (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पादप विज्ञान विभाग के विद्यार्थी शैक्षणिक भ्रमण के दौरान मंगलवार को पालमपुर के सीएसआईआर-आईएचबीटी संस्थान पहुंचे। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को पादप विज्ञान, टिकाऊ खेती की तकनीक और नवीन कृषि प्रथाओं के बारे में जानकारी प्रदान करना रहा। यह भ्रमण प्रो. प्रदीप कुमार (अकादमिक डीन, सीयूएचपी), डॉ. सुनील कुमार (डीन, जीव विज्ञान संकाय, सीयूएचपी) और डॉ. सचिन उपमन्यु (विभागाध्यक्ष, पादप विज्ञान विभाग) के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। यात्रा को दो भागों में विभाजित किया गया, जो एक संपूर्ण अनुभव प्रदान करता है।
पादप विज्ञान विभाग के स्नातकोत्तर छात्र, शोध विद्यार्थी और संकाय सदस्य, डॉ. हरशरण सिंह, डॉ. अशुन चौधरी और डॉ. जितेंद्र कुमार भी इस दौरान छात्रों के साथ मौजूद रहे। छात्रों ने सबसे पहले ट्यूलिप गार्डन का दौरा किया, जहां उन्हें विभिन्न प्रकार की ट्यूलिप प्रजातियों से परिचित कराया गया। छात्रों को ट्यूलिप की खेती, देखभाल और इसकी सफल वृद्धि के लिए आवश्यक पर्यावरणीय परिस्थितियों के बारे में सीखने का अवसर मिला। इसके बाद, छात्र हींग फार्म पंहुचे, जहां उन्हें विभिन्न प्रकार की हींग प्रजातियों, विशेष रूप से जंगली किस्मों के बारे में जानकारी दी गई। छात्रों ने यह भी जाना कि हींग की खेती में विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है क्योंकि यह पौधा पर्यावरणीय परिस्थितियों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है।
उन्होंने विभिन्न पौधों के नमूनों का अध्ययन किया और उनके आकारिकी लक्षणों, पारिस्थितिक भूमिकाओं और आर्थिक महत्व को समझा। बांस हाउस में, छात्रों को बांस और अन्य पौधों से बने विभिन्न नवाचारपूर्ण उत्पादों से परिचित कराया गया। इनमें बायोप्लास्टिक, बिच्छू बूटी से बना कपड़ा, गाय के गोबर से बना कागज और अन्य पर्यावरणीय रूप से अनुकूल उत्पाद शामिल थे। यात्रा के दूसरे भाग में, छात्रों ने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के विस्तार निदेशालय द्वारा आयोजित एक व्याख्यान में भाग लिया, जो कृषि प्रौद्योगिकी सूचना केंद्र में हुआ। यात्रा के अंतिम चरण में, छात्र हाइड्रोपोनिक्स फार्म पंहुचे, जहां उन्हें हाइड्रोपोनिक्स जैसी आधुनिक कृषि तकनीकों से परिचित कराया गया। उन्होंने न्यूट्रिएंट फिल्म तकनीक के बारे में भी जाना, जिसमें पौधों को मिट्टी के बजाय पोषक तत्वों से युक्त जल में उगाया जाता है।
कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सत प्रकाश बंसल ने विश्वविद्यालय को शोध केंद्रित संस्थान बनाने की पहल की है, जिसके तहत प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के साथ कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय, सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर के निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव और प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. गिरीश नड्डा ने इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया