सीयू में मौखिक प्रस्तुति और पोस्टर प्रदर्शन में विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिस्पर्धा
धर्मशाला, 30 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के शाहपुर परिसर में आयोजित रासायनिक और जैविक विज्ञान में फ्रंटियर्स पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन वैज्ञानिक व्याख्यान दिए गए। यह कार्यक्रम रसायनशास्त्र एवं रसायनिक विज्ञान विभाग और हिमालयन लाइफ साइंस सोसाइटी के सहयोग से आयोजित किया गया। जेएनयू, डीएवी जालंधर, सीएसकेएचपीकेवी पालमपुर, और केंद्रीय हरियाणा विश्वविद्यालय सहित 16 संस्थानों के छात्रों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान 28 मौखिक प्रस्तुतियां और 69 पोस्टर प्रदर्शित किए गए।
सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति और पोस्टर के लिए पुरस्कार दिए गए, साथ ही एक युवा वैज्ञानिक पुरस्कार भी प्रदान किया गया। पुरस्कार और प्रमाण पत्र वितरण समारोह में मुनीश शर्मा (पौध विज्ञान), हिशानी कुमारी (पशु विज्ञान), नव्या राणा (पशु विज्ञान), पूजा कुमारी (पर्यावरण विज्ञान), कुसुम लता (रासायनिक विज्ञान) और साहिल को उनकी सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुतियों के लिए सम्मानित किया गया। पोस्टर श्रेणी में, पलक ठाकुर (पौध विज्ञान विभाग), कुशल ठाकुर (पशु विज्ञान विभाग), श्रेया कटोच (सीएसकेएचपीकेवी पालमपुर), दिव्या ठाकुर (रसायन विज्ञान विभाग), मनीषा चड्डा (रसायन विज्ञान विभाग), हसीन ग्रोवर (एमिटी विवि) को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।
युवा वैज्ञानिक पुरस्कार डॉ. दीक्षित को प्रदान किया गया। प्रातः कालीन सत्र में कई ज्ञानवर्धक वैज्ञानिक व्याख्यान प्रस्तुत किए गए। जेएनयू के विशेष नैनोसाइंस केंद्र के सहायक प्रोफेसर डॉ. विनोद कुमार ने जल संकट पर अपना उल्लेखनीय अध्ययन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख किया। इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक भारत में लगभग 60 मिलियन लोग जल संकट का सामना करेंगे। इसके बाद, हरियाणा के चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मयंक किंगर ने अल्जाइमर जैसी बीमारियों के निदान में ऑप्टिकल इमेजिंग के उपयोग पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया।
केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर गुंजन गोयल ने अपने शोध में प्रोबायोटिक्स और आंत माइक्रोबायोटा के महत्व को रेखांकित किया। सत्र का समापन जेएनयू के विशेष नैनोसाइंस केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पंकज ठाकुर द्वारा स्थायी नैनोमटेरियल्स पर एक विचारोत्तेजक व्याख्यान के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा सामना की जा रही वित्तीय समस्याओं पर संक्षेप में चर्चा की।
समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार और हिमालयन लाइफ साइंस सोसाइटी की सचिव डॉ. मनोरमा पैट्री उपस्थित थे। प्रोफेसर कुमार ने बहु-विषयक शोध सहयोग के महत्व पर एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया, छात्रों को बॉक्स से बाहर सोचने और नए विचार उत्पन्न करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस सम्मेलन के शोधार्थियों के लिए महत्व को रेखांकित किया और इस तरह के सफल आयोजन के लिए समिति के सदस्यों को बधाई दी। सम्मेलन के आयोजक सचिव डॉ. विवेक शील ने दो दिवसीय कार्यक्रम की गतिविधियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
सम्मेलन के सह-आयोजन सचिव डॉ. राकेश कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों, आयोजन समिति के सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों और मीडिया का सम्मेलन की सफलता में योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ. कुमार ने छात्रों को ''राष्ट्र प्रथम, मतदान आवश्यक'' के नारे के साथ मतदान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने रसायनशास्त्र एवं रासायनिक विज्ञान विभाग और हिमालयन लाइफ साइंस सोसाइटी को उनके सहयोग और प्रयासों के लिए बधाई दी।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र
/सुनील
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