मनरेगा को खत्म करना गरीब लोगों से काम का अधिकार छीनने की कोशिश : अलका लांबा

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मनरेगा को खत्म करना गरीब लोगों से काम का अधिकार छीनने की कोशिश : अलका लांबा


धर्मशाला, 22 दिसंबर (हि.स.)। केंद्र की मोदी सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को खत्म करने के लिए लोकसभा में एक बिल पास किया है, जो सीधे तौर पर महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज और गरीबों के लिए काम का अधिकार छीनने की कोशिश है। यह आरोप अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य अल्का लांबा ने सोमवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए लगाया।

उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने सुधार के नाम पर दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी स्कीम यानी मनरेगा को खत्म कर दिया है। यह महात्मा गांधी की सोच को खत्म करने और गरीब भारतीयों से काम का अधिकार छीनने की जानबूझकर कोशिश की गई है।

कांग्रेस नेत्री अलका लांबा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 से ही मनरेगा के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस की नाकामी की जीती जागती निशानी कहा था। पिछले 11 सालों में मोदी सरकार ने मनरेगा को सिस्टमैटिक तरीके से कमजोर किया और उसमें कई तरह की तोडफ़ोड़ कर बजट में कटौती करने से लेकर राज्य से कानूनी तौर पर जरूरी फंड रोकने, जॉब कार्ड हटाने और आधार बेस्ट पेमेंट की मजबूरी के जरिए लगभग 7 करोड़ मज़दूरों को बाहर करने का काम किया।

उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुआ कहा कि अब तक मनरेगा संविधान के आर्टिकल 21 से मिलने वाले अधिकारों पर आधारित गारंटी थी लेकिन केंद्र सरकार ने इसे कंडीशनल केंद्र द्वारा कंट्रोल की जाने वाली स्कीम में बदल दिया। यह कोई सुधार नहीं लेकिन ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक संवैधानिक वादे को वापस लेना है । अलका लांबा ने कहा कि केंद्र सरकार की यूपीए सरकार ने जब मनरेगा लॉन्च की थी तो मनरेगा 100 प्रतिशन केंद्र द्वारा फंडेड थी लेकिन मोदी सरकार अब राज्यों पर लगभग 50 हजार करोड़ या उससे ज्यादा का बोझ डालना चाहते हैं, यह फाइनेंशियल धोखा है , जिसका कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है।

वहीं कांग्रेस नेत्री लांबा ने नेशनल हेराल्ड केस में कहा कि मोदी-शाह की बदले की राजनीति को तब बड़ा झटका लगा जब न्यायालय ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी द्वारा दर्ज किए गए केस को खारिज कर दिया। कोर्ट ने ईडी की कार्रवाई को अवैध और राजनीतिक बदले की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने पर तुली हुई है।

अलका लांबा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस तरह के जन-विरोधी, मजदूर-विरोधी और संघीय-विरोधी हमलों के खिलाफ हर मंच पर आवाज उठाएगी। उन्होंने कहा कि हम सड़क से लेकर संसद तक हर मंच पर इस तानाशाही सरकार का विरोध करेंगे। कांग्रेस पार्टी कभी सच से पीछे नहीं हटेगी और किसी भी धमकी से डरकर अपनी लड़ाई नहीं छोड़ेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया

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