हाईकोर्ट-जिला न्यायालयों के रिकॉर्ड का शीघ्र होगा डिजिटलीकरण : मुख्य न्यायाधीश
धर्मशाला, 11 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामाचंद्रा राव ने देहरा में ज्यूडिशियल कोर्ट कांफ्लेक्स की आधारशिला रखी। इस अवसर पर बचत भवन देहरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामाचंद्रा राव ने कहा कि प्रदेश उच्च न्यायालय लोगों को उनके घर-द्वार के समीप तीव्र एवं किफायती न्याय सुनिश्चित बनाने के लिए समर्पित प्रयास कर रहा है। जनता के लिए न्याय व्यवस्था को अधिक सुगम और सुलभ बनाने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय तथा जिला न्यायालयों में उचित भवन बुनियादी ढांचा विकसित करने के साथ साथ सभी हितधारकों को सेवाओं के वितरण में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर आईटी का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। राज्य की जिला न्यायपालिका के लिए ई-भुगतान की सुविधा लाइव कर दी गई है, जिससे अदालती शुल्क, जुर्माना, दंड और न्यायिक जमा का ऑनलाइन भुगतान संभव हो गया है, जिसमें से अदालती शुल्क को स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ एकीकृत किया गया है और अन्य भुगतान सीधे हिमकोश के साथ एकीकृत किए गए हैं। . उच्च न्यायालय में अदालती शुल्क के भुगतान के लिए ई-भुगतान व्यवस्था भी शुरू किया गया है। जिला बिलासपुर, किन्नौर, हमीरपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए वर्चुअल कोर्ट सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यातायात, पर्यटक और रेलवे विभाग के साथ-साथ मोबाइल ट्रैफिक मजिस्ट्रेट और कोर्ट स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया है। 31 जनवरी 2024 तक, 7247 ट्रैफिक चालानों का निपटारा किया गया है और वर्चुअल कोर्ट एप्लिकेशन के माध्यम से 1 करोड़ दस लाख 89 हजार 853 रुपये का जुर्माना वसूला गया है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट तथा जिला न्यायालयों के रिकॉर्ड का शीघ्र डिजिटलीकरण शुरू किया जाएगा। उच्च न्यायालय और जिला अदालतों में सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं मामलों की ई-फाइलिंग और अन्य ई-कोर्ट सेवाओं के लिए अधिवक्ताओं और वादियों की सहायता की जा रही है। ई कोर्ट परियोजना के चरण-दो के तहत उप-मंडल स्तर पर इसी तरह की सुविधाएं प्रस्तावित हैं। पुलिस स्टेशन, अदालतों और जेलों को जोड़ने वाली जिला न्यायपालिका में इंटरऑपरेबल आपराधिक न्याय प्रणाली लागू की गई है। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का तेज और सुरक्षित प्रसारण चालू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कागज की खपत को कम करने और जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय रजिस्ट्री की विभिन्न शाखाओं में ई ऑफिस लागू किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र/सुनील
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