कांगड़ा कार्निवाल में 2500 से अधिक महिलाओं ने झमाकड़ा नृत्य से दिया एंटी-चिट्टा का सशक्त संदेश

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कांगड़ा कार्निवाल में 2500 से अधिक महिलाओं ने झमाकड़ा नृत्य से दिया एंटी-चिट्टा का सशक्त संदेश


धर्मशाला, 31 दिसंबर (हि.स.)। कांगड़ा वैली कार्निवाल के दौरान नशे के विरुद्ध जन-जागरूकता का एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी दृश्य उस समय देखने को मिला, जब 2500 से अधिक महिलाओं ने कांगड़ा की पारंपरिक सांस्कृतिक पहचान झमाकड़ा नृत्य के माध्यम से एंटी-चिट्टा का सशक्त सामाजिक संदेश दिया। यह कार्यक्रम एक मेगा कम्युनिटी डांस के रूप में आयोजित किया गया, जिसमें जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आई महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस अवसर पर उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि कांगड़ा कार्निवाल को केवल मनोरंजन या सांस्कृतिक आयोजन तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि इसे समाज सुधार और जन-जागरूकता का प्रभावी माध्यम बनाया गया है। उन्होंने कहा कि नशा समाज के लिए एक गंभीर चुनौती है और इससे निपटने के लिए प्रशासन के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है।

उपायुक्त ने बताया कि कार्निवाल के दौरान पिछले छह दिनों में लगातार विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें अलग-अलग श्रेणियों में प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं तथा विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, उनकी प्रतिभा को मंच प्रदान करना और नशे के विरुद्ध जागरूकता को जन-जन तक पहुंचाना रहा।

उन्होंने कहा कि झमाकड़ा नृत्य कांगड़ा घाटी की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है और जब इसी परंपरा के माध्यम से सामाजिक संदेश दिया जाता है, तो उसका प्रभाव कहीं अधिक व्यापक और स्थायी होता है। इस मेगा कम्युनिटी डांस ने यह स्पष्ट कर दिया कि महिला शक्ति एकजुट होकर समाज को मजबूत संदेश देने में पूरी तरह सक्षम है।

उपायुक्त ने यह भी कहा कि इस आयोजन के माध्यम से महिलाओं के मन में नशा मुक्त समाज के प्रति एक साझा संकल्प विकसित हुआ है। यह कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक प्रस्तुति नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का उत्सव बनकर उभरा, जिसने पूरे जिले में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया

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