कांग्रेस ने कर्मियों-पैंशनरों को उतारा सड़कों पर : विपिन परमार
धर्मशाला, 25 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार ने कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों का समर्थन करते हुए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कर्मियों के शोषण करने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार की गांरटी के नाम पर ठगने पर सवाल उठाए हैं।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि अब हर वर्ग के कर्मचारी और पैंशनर्ज सड़कों पर उतर रहे हैं, जबकि युवा वर्ग को पहले ही सुक्खू की सरकार ने सड़कों पर धरने-प्रदर्शन और आंदोलन करने को मजबूर करके रखा हुआ है। रूटीन में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं सहित नई भर्तियों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है।
रविवार को जारी प्रेस बयान में उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल पूछा है कि आखिर वह राज्य को किस दुर्गति की ओर धकेलने की साजिश कर रही है? पूर्व विस अध्यक्ष एवं कांगड़ा-चंबा भाजपा प्रभारी विपिन सिंह परमार ने डंके की चोट पर कहा है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार विश्वासघाती और धोखेबाज है। पूर्व में भाजपा की सरकार में कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई कर्मचारी संगठनों को साढ़े चार साल तक अपनी मांगों के लिए धरना और प्रदर्शन करना पड़ा हो। जबकि हर मोर्च पर फेल रहने वाली कांग्रेस सरकार का डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में ही कर्मचारी वर्ग को सड़कों की धूल फांकनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि चुनावों से पूर्व कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि हम सत्ता में आएंगे तो आउटसोर्स बंद कर हर वर्ष एक लाख पक्की नौकरी देंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री सुक्खू सार्वजनिक मंचों से ही कह रहे हैं कि हम इतने पद आउटसोर्स से भरने जा रहे हैं। हद तो तब हो गई है जब शिक्षकों के वेतन को लेकर कहा जा रहा है कि इनको देश में सबसे ज्यादा वेतन इस कार्य के लिए मिलता है।
उन्होंने कहा कि चुनावों से पूर्व कांग्रेस पार्टी वायदे कुछ करती है और जब सत्ता में आती है तो फिर मुकर जाती है। ऐसे दोहरे चरित्र वाले नेता किसी का भला नहीं चाहते और सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए ब्यानबाजी करते रहते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया / सुनील शुक्ला
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