आदेशों के बाद भी जमीन न मिलने वाले प्रभावित उपायुक्त से मिले

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धर्मशाला, 04 नवंबर (हि.स.)। कांगड़ा जिला के नूरपुर उपमंडल के न्याजपुर प्रभावितों को उपायुक्त कांगड़ा के आदेशों के बाद भी जमीन नहीं मिल सकी है। वर्ष 2019 में मकान भूस्खलन से ध्वस्त हो गए थे और 17 पात्र प्रभावितों को जमीन देने के लिए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने 15 जुलाई 2025 को आदेश जारी किए थे। उपमंडल नूरपुर प्रशासन ने 7 पात्रों को तो कब्जा दे दिया पर 10 पात्र परिवार अभी भी ठोकरे खा रहे हैं। ऐसे में प्रभावित परिवार मंगलवार को उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा से मिले और उपायुक्त ने एसडीएम नूरपुर को प्रभावित परिवारों को तत्काल अलाट जमीन का कब्जा दिलवाने का निर्देश दिए।

बताया जा रहा है कि उपमंडल नूरपुर के नियाजपुर में वर्ष 2019 में हुए भूस्खलन के कारण करीब 20 परिवारों के मकान ध्वस्त हो गए थे, जिनमें से तीन परिवारों के पास जमीन थी उन्होंने अन्य जगह मकान बना लिए, लेकिन 17 परिवारों को सरकार ने राहत के तौर पर सरकारी आवासों में ठहरा दिया। वर्ष 2019 में इन भूमिहीन व मकान हीन परिवारों को घर व जमीन देने का आश्वासन उस समय की सरकार व प्रशासन ने दिया। लेकिन 18 जनवरी 2025 तक इन्हें कुछ नहीं मिला। 18 जनवरी को पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से अपने स्थानीय विधायक रणवीर सिंह निक्का, सांसद डा. राजीव भारद्वाज के नेतृत्व में मिले। इसके बाद इन पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री के कार्यालय से पत्र भी प्राप्त हुआ। जिलाधीश कांगड़ा ने उपमंडल स्तर पर राजस्व औपचारिकताएं पूर्ण करवाने के बाद 17 परिवारों को जमीन उपलब्ध करवाने के लिए 15 जुलाई 2025 को आदेश भी दे दिए।

नूरपुर उपमंडल प्रशासन व उपमंडल राजस्व विभाग के अधिकारियों की नाकामी की बजह से 17 में से सिर्फ 7 ही परिवारों को जमीन की निशानेदही कर पर्चा ततीमा दिया गया, जबकि शेष 10 परिवारों को न तो कब्जा दिया गया और न ही औपचारिकताएं पूर्ण की गई।

ऐसे में परेशान लोगों को नूरपुर के राजस्व अधिकारियों ने गुमराह किया।

प्रभावित परिवार मंगलवार को जिलाधीश कांगड़ा के द्वार पहुंचे और यहां पर हेमराज बैरवा को पूरी स्थिति से अवगत करवाया। जिलाधीश की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए नूरपुर के एसडीएम भी आए हुए थे, ऐसे में एसडीएम अरुण शर्मा को भी जिलाधीश कांगड़ा ने अपने चैंबर में बुलाया और उन्हें निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों को तत्काल जमीन उपलब्ध करवाई जाए।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया

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