हिमाचल को कर्ज के जाल में धकेल रही वर्तमान सरकार : जयराम ठाकुर

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हिमाचल को कर्ज के जाल में धकेल रही वर्तमान सरकार : जयराम ठाकुर


शिमला, 18 मार्च (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कार्यकाल में हिमाचल कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। उन्होंने विधानसभा में मंगलवार को वर्ष 2025-26 के आम बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार मात्र दो वर्षों में 27 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज ले चुकी है जो पूर्व भाजपा सरकार के पांच वर्षों में लिए गए कुल 28,744 करोड़ रुपये के ऋण के लगभग बराबर है।

प्रदेश जल्द ही एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज तले दबेगा

जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर वर्तमान सरकार की यही वित्तीय नीतियां जारी रहीं, तो हिमाचल जल्द ही एक लाख करोड़ रुपये के कर्ज का आंकड़ा पार कर जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इस ऐतिहासिक कर्ज की जिम्मेदारी सीधे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में वित्तीय अनुशासन का पालन किया था और कभी भी कर्ज की सीमा का उल्लंघन नहीं किया, जबकि मौजूदा सरकार हर बार इस सीमा को लांघ रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि वह केंद्रीय योजनाओं से मिले धन का उपयोग प्रदेश के कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के भुगतान के लिए कर रही है, जिससे विकास कार्य बाधित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार आर्थिक नीतियों को लेकर पूरी तरह दिशाहीन है, और इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

इतिहास में सबसे कमजोर बजट

जयराम ठाकुर ने वर्ष 2025-26 के बजट को प्रदेश के इतिहास का सबसे कमजोर बजट बताया। उन्होंने कहा कि जहां 2019-20 में बजट ग्रोथ दर 7.11 फीसदी थी वहीं 2025-26 में यह घटकर केवल 0.12 फीसदी रह गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार जनता के भरोसे पर चलती है, लेकिन मौजूदा सरकार के प्रति जनता का विश्वास पूरी तरह से डगमगा चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पहले और दूसरे बजट में घोषित कई योजनाओं पर आज तक कोई ठोस कार्य नहीं हुआ है। इसके अलावा कांग्रेस सरकार अपनी चुनावी गारंटियों को भी भूल चुकी है, जिससे जनता में गहरा असंतोष है।

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी भरपाई के लिए भारी कर लगाकर प्रदेश के मध्य वर्ग की आर्थिक स्थिति को और कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में प्रदेश की 23 लाख महिलाओं को 1500 रुपये की सम्मान राशि देने का वादा किया था, लेकिन अब तक केवल 23,000 महिलाओं को ही यह राशि एक बार देकर सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस गति से सरकार आर्थिक फैसले ले रही है, उसे देखते हुए 2027 तक हिमाचल आत्मनिर्भर नहीं बन सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि प्रदेश के हित को प्राथमिकता दें और अनावश्यक खर्चों पर रोक लगाएं ताकि हिमाचल की अर्थव्यवस्था को सही दिशा मिल सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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