डॉ. अंबेडकर को हराने की कांग्रेस ने रची थी साजिश : जयराम ठाकुर

शिमला, 13 अप्रैल (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को राजनीति से बाहर रखने के लिए कांग्रेस ने ऐतिहासिक रूप से योजनाबद्ध साजिशें रची थीं। उन्होंने दावा किया कि यह षड्यंत्र उस समय के शीर्ष नेताओं की निगरानी में हुआ।
शिमला विधानसभा क्षेत्र के चौड़ा मैदान में रविवार को डॉ. अंबेडकर सम्मान अभियान के तहत आयोजित दीपोत्सव व पुष्पांजलि कार्यक्रम में बोलते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रतीकवाद की राजनीति करने वाली कांग्रेस ने अंबेडकर जी के विचारों और योगदान को लंबे समय तक नजरअंदाज किया।
उन्होंने कहा कि 1937 के बॉम्बे प्रेसीडेंसी चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को हराने के लिए प्रसिद्ध क्रिकेटर बालू पालवंकर को उनके खिलाफ मैदान में उतारा। वहीं बाद में बंबई प्रीमियर बी.जी. खरे ने डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा में पहुंचने से रोकने का भरसक प्रयास किया।
जयराम ठाकुर ने बताया कि जब कांग्रेस के इन प्रयासों के बावजूद डॉ. अंबेडकर संविधान सभा में बंगाल से चुन लिए गए तब कांग्रेस ने उन क्षेत्रों को भी पाकिस्तान में शामिल होने की अनुमति दे दी, जहां से उन्हें समर्थन मिला था जैसे बारिसाल, जेसोर-खुलना और फरीदपुर। इससे डॉ. अंबेडकर दोबारा संविधान सभा से बाहर हो गए।
उन्होंने कहा कि पुणे से हिंदू महासभा के नेता एम.आर. जयकर ने अपनी सीट से इस्तीफा देकर डॉ. अंबेडकर के लिए रास्ता बनाया तब जाकर वे संविधान सभा में दोबारा पहुंच सके।
1952 के लोकसभा चुनाव को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता एस.के. पाटिल ने नेहरू की देखरेख में कम्युनिस्ट नेता श्रीपाद डी. डांगे के साथ मिलकर डॉ. अंबेडकर को हराने की योजना बनाई थी। इसके लिए एक अनजाने से प्रत्याशी नारायणर एस. काजरोलकर को उनके सामने उतारा गया।
जयराम ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए आरोप लगाया था कि 74,333 मतपत्रों को जानबूझकर खारिज कर दिया गया ताकि उनकी हार सुनिश्चित की जा सके।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की ये घटनाएं स्पष्ट करती हैं कि पार्टी ने डॉ. अंबेडकर के विचारों और सामाजिक क्रांति के प्रयासों से हमेशा दूरी बनाकर रखी और उन्हें हाशिए पर धकेलने की कोशिश की।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा