विधायक विकास निधि की किस्त 28 तक जारी न हुई तो वार्षिक योजना व विधायक प्राथमिकता बैठकों का करेंगे बहिष्कार : जय राम ठाकुर
मंडी, 25 जनवरी (हि. स.)। नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर आरोप लगाया है कि उनके शासनकाल में विधायिका को सबसे कमजोर किया गया है। ऐसा हिमाचल के इतिहास में पहली बार हुआ है। उनकी सरकार ने विधायकों के लिए विधायक सम्मान व विकास निधि का प्रावधान किया था।
जय राम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने आते ही दिसंबर 2022 में विधायक निधि की अंतिम किस्त रोक दी थी। अब जबकि प्रदेश में आपदा आई है और सभी दलों के विधायक अपने अपने क्षेत्रों में जाकर अपनी निधि से प्रभावितों के लिए घोषणाएं कर चुके हैं तो यह बात सामने आई है कि दिसंबर में जो 50 लाख कि अंतिम किस्त विधायकों को जारी होनी थी उस पर सरकार ने रोक लगा दी है। यही नहीं सरकार ने पिछड़ा क्षेत्र विकास योजना के तहत जो प्रदेश की सीमित पंचायतें ही आती हैं को पैसा जारी होता है, जिसका बजट में प्रावधान है को भी रोक दिया है। यह रकम 12 से 15 करोड़ के बीच में है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि भाजपा विधायक दल ने इसका कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने भाजपा विधायक दल की बर्चुअल बैठक करके इस पर कड़ा एतराज जताया और कहा कि सरकार की मनमानी सहन नहीं करेंगे। ऐसे में सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि यदि 28 जनवरी तक विधायक विकास निधि की किस्त जारी नहीं की तो 29 व 30 जनवरी को रखी गई वार्षिक योजना व विधायक प्राथमिकता की बैठकों का सभी भाजपा विधायक विरोध व बहिष्कार करेंगे। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। मुख्यमंत्री से मांग की गई कि इस किस्त को तुरंत जारी किया जाए।
उन्होंने बताया कि विधायक दल की वर्चुअल बैठक में निर्णय लिया गया कि 29 जनवरी को शिमला में विधायक दल की बैठक होगी और उसमें स्थिति से निपटने की रणनीति बनाई जाएगी। उस दिन राज्यपाल से मिलने का भी कार्यक्रम बन सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना को भी ऐच्छिक निधि जैसा बना दिया है। जहां पर कांग्रेस के विधायक हैं या सुक्खू के बंदे हैं जो विधायक तो नहीं पर कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं, उनके कहने पर ही पैसा दिया जा रहा है। इसके लिए उपायुक्तों को विशेष आदेश जारी किए गए हैं। ये जो बंदे हैं वह बंदे बन जाएं अन्यथा अच्छा नहीं होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि ऐसा कभी होता नहीं है।
उन्होंने हद पार करने वाले अधिकारियों को चेताया कि वह यह दीवार पर लिखी इबारत है कि इस सरकार का कोई भविष्य नहीं है। ऐसे में वह ऐसा करके अपना भविष्य खराब न करें। जय राम ठाकुर ने कहा कि लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार ने बजट सत्र जल्दी में बुलाने का निर्णय लिया है। चुनाव से पहले सरकार बजट पास करवाना चाहती है।
हिन्दुस्थान समाचार/मुरारी/सुनील
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