तीन से पांच जनवरी तक शिमला में होगा एमएसएमई फेस्ट
शिमला, 27 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में पीढ़ियों से चले आ रहे पारंपरिक उत्पाद और स्थानीय हुनर अब सिर्फ स्थानीय हाट-बाज़ारों तक सीमित नहीं रहेंगे। तीन से पांच जनवरी तक शिमला के रिज मैदान पर आयोजित होने वाले हिम एमएसएमई फेस्ट में प्रदेश की एक जिला–एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल खास आकर्षण का केंद्र रहेगी। इस आयोजन के ज़रिये स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ओडीओपी योजना हर जिले की आर्थिक क्षमता को मजबूत कर रही है। यह पहल पारंपरिक कौशल को आधुनिक बाज़ार से जोड़कर किसानों, कारीगरों और छोटे उद्यमियों के लिए स्थायी रोज़गार और आमदनी के अवसर पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह सोच है कि विकास सिर्फ बड़े उद्योगों तक सीमित न रहे, बल्कि गांव और ज़िला स्तर पर मौजूद हुनर भी आगे बढ़े।
उद्योग मंत्री के अनुसार ओडीओपी राज्य की मूल्य आधारित औद्योगिक विकास नीति का अहम हिस्सा है। इसके तहत कृषि आधारित प्रसंस्करण, हस्तशिल्प, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जा रहा है। पहली बार प्रदेश के सभी जिलों के ओडीओपी उत्पाद एक ही मंच पर एक साथ प्रदर्शित किए जाएंगे। फेस्ट में ओडीओपी के लिए अलग से पवेलियन बनाया जाएगा, जहां उत्पादक सीधे राष्ट्रीय व्यापारियों और अमेज़न जैसे प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जुड़ सकेंगे। इससे उत्पादों की ब्रांडिंग, थोक खरीद और लंबे समय के बाज़ार संपर्क के नए रास्ते खुलेंगे।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के हर जिले की अपनी अलग पहचान है। बिलासपुर में आंवला प्रसंस्करण, हमीरपुर में कृषि उत्पादों का प्रसंस्करण, चंबा का विश्व प्रसिद्ध चंबा रूमाल, कुल्लू की पारंपरिक शॉल, कांगड़ा की चाय और लघु चित्रकला, किन्नौर का चुल्ली तेल, लाहौल-स्पीति के सीबकथॉर्न उत्पाद, मंडी का स्टील फर्नीचर उद्योग, ऊना का लाइट इंजीनियरिंग सेक्टर, सिरमौर का पैकेजिंग उद्योग, सोलन का मशरूम क्षेत्र और शिमला में पर्यटन से जुड़े क्षेत्रों का तकनीकी उन्नयन—ये सभी ओडीओपी के तहत आगे बढ़ाए जा रहे हैं। सरकार इन उत्पादों को बेहतर पैकेजिंग, मूल्य संवर्धन और बाज़ार उपलब्ध करवा रही है, ताकि उत्पादकों को सही दाम और पहचान मिल सके।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि एमएसएमई फेस्ट में ओडीओपी का यह व्यापक प्रदर्शन बाज़ार एकीकरण की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार नीति समर्थन, बुनियादी ढांचे के विकास और बाज़ार संपर्क को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रही है। उनका कहना है कि ओडीओपी हिमाचल प्रदेश की जमीनी ताकत को बड़े आर्थिक अवसरों में बदलने का माध्यम बन रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

