आईजीएमसी मारपीट मामला: रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आरोपी डॉक्टर के समर्थन में, निष्पक्ष जांच की मांग

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आईजीएमसी मारपीट मामला: रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन आरोपी डॉक्टर के समर्थन में, निष्पक्ष जांच की मांग


शिमला, 23 दिसंबर (हि.स.)। शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में मरीज के साथ मारपीट के आरोपों का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब आईजीएमसी की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन खुलकर आरोपी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के समर्थन में सामने आ गई है। एसोसिएशन ने डॉक्टर पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि घटना को एकतरफा तरीके से पेश किया जा रहा है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।

रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष सोहेल शर्मा ने कहा कि आरोपी डॉक्टर घटना के बाद से मानसिक तनाव में है और उस पर लगाए गए आरोप सही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने मरीज के साथ कोई बदसलूकी नहीं की, बल्कि मरीज ने पहले डॉक्टर से बदतमीजी की और कथित तौर पर हाथापाई भी की। सोहेल शर्मा के अनुसार सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें केवल एक पक्ष दिखाया गया है। पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने नहीं आई है।

उन्होंने दावा किया कि मरीज ने पहले सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव के साथ दुर्व्यवहार किया और हमला किया। इसके बाद स्थिति बिगड़ी। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरे मामले की निष्पक्ष और गहन जांच होनी चाहिए। एसोसिएशन ने साफ कहा कि वह पूरी तरह से सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव के समर्थन में है और बिना जांच के किसी भी तरह की कार्रवाई को उचित नहीं माना जाना चाहिए।

दूसरी ओर मरीज के परिजन आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं। मरीज के परिजनों ने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की और दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। मरीज के पिता ने भावुक होते हुए कहा कि डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया जाता है, लेकिन आईजीएमसी में उनके बेटे के साथ जिस तरह का व्यवहार हुआ, उसने उन्हें झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उनके बेटे के साथ अमानवीय व्यवहार किया और ऐसे व्यक्ति को डॉक्टर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

मरीज के पिता ने सरकार से मांग की कि आरोपी डॉक्टर राघव नरूला के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उसे सेवा से हटाया जाए, जिससे भविष्य में किसी अन्य मरीज या परिजन के साथ ऐसी घटना न हो।

इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि सरकार ने आरोपी डॉक्टर को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी डॉक्टर द्वारा मरीज के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि जांच के आधार पर दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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