आईजीएमसी अस्पताल में मरीज से मारपीट मामला : स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी डॉक्टर को हटाया

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आईजीएमसी अस्पताल में मरीज से मारपीट मामला : स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी डॉक्टर को हटाया


शिमला, 22 दिसंबर (हि.स.)। राजधानी शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में डॉक्टर द्वारा मरीज के साथ मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है।

स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से ड्यूटी से हटा दिया है। साथ ही मामले की विस्तृत जांच जारी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी डॉक्टर के सस्पेंशन या टर्मिनेशन को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने कहा कि मरीजों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के मरीजों से व्यवहार को लेकर जल्द ही सख्त गाइडलाइंस जारी की जाएंगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि मरीज के साथ मारपीट का मामला सामने आने के बाद आईजीएमसी में हड़कंप मच गया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन से लेकर सरकार तक हरकत में आ गई है। मरीज के परिजनों और स्थानीय लोगों ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए अस्पताल परिसर में हंगामा भी किया।

यह मामला शिमला जिले के चौपाल उपमंडल से ताल्लुक रखने वाले अर्जुन पंवार से जुड़ा है, जो कुपवी क्षेत्र के निवासी हैं और शिमला के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। मामले के अनुसार अर्जुन पंवार सोमवार को आईजीएमसी शिमला में एंडोस्कोपी जांच के लिए पहुंचे थे। जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें कुछ समय आराम करने की सलाह दी थी। इसी दौरान सांस लेने में दिक्कत होने पर वह पास के एक वार्ड में खाली पड़े बेड पर जाकर लेट गए।

आरोप है कि इसी दौरान वहां एक अन्य डॉक्टर पहुंचे और मरीज को बिना अनुमति वार्ड के बेड पर लेटा देख नाराज हो गए। मरीज के अनुसार उस समय वह पूरी तरह होश में भी नहीं थे। बताया गया है कि डॉक्टर ने पहले अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और जब मरीज के साथ मौजूद अटेंडेंट ने एंडोस्कोपी के बाद आराम की अनुमति का हवाला दिया तो विवाद और बढ़ गया। आरोप है कि इसके बाद डॉक्टर ने मरीज के साथ मारपीट की।

इस पूरी घटना का वीडियो मरीज के साथ मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आने के बाद मरीज के परिजन और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में आईजीएमसी पहुंच गए और एमएस कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी डॉक्टर को तुरंत सस्पेंड करने और निष्पक्ष जांच की मांग की।

घटना के बाद आईजीएमसी प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राहुल राव ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। मरीज के परिजनों ने आरोपित डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आईजीएमसी जैसे बड़े संस्थान में इस तरह की घटना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह घटना चिकित्सा पेशे की गरिमा और कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वयं मामले का संज्ञान लेने और निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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