मनरेगा पर केंद्र के फैसलों के खिलाफ हिमाचल में होगा बड़ा आंदोलन : सुक्खू

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मनरेगा पर केंद्र के फैसलों के खिलाफ हिमाचल में होगा बड़ा आंदोलन : सुक्खू


शिमला, 21 दिसंबर (हि.स.)। मनरेगा को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में किए गए बदलावों और कथित कटौती के खिलाफ कांग्रेस ने संसद से लेकर सड़क तक मोर्चा खोलने का फैसला किया है। इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए प्रदेश में बड़े आंदोलन का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि मनरेगा को कमजोर करने की किसी भी कोशिश का कांग्रेस डटकर विरोध करेगी।

रविवार को शिमला में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मनरेगा कांग्रेस सरकार की ऐतिहासिक और जनहितकारी योजना है। उन्होंने बताया कि इस योजना की नींव पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की दूरदर्शी सोच से रखी गई थी, ताकि गांवों में गरीब और मजदूर परिवारों को सम्मानजनक रोजगार मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

सीएम सुक्खू ने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि जब देशभर में रोजगार के साधन लगभग ठप हो गए थे। उस मुश्किल समय में मनरेगा ने करोड़ों गरीब परिवारों को सहारा दिया। प्रवासी मजदूरों के लिए यह योजना जीवनरेखा साबित हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि अब केंद्र सरकार मनरेगा के बजट में कटौती कर और नियमों में बदलाव कर इस योजना को धीरे-धीरे कमजोर करने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की इन नीतियों का सीधा नुकसान हिमाचल प्रदेश को उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने का फैसला किया, ताकि श्रमिकों को राहत मिल सके। इसके बावजूद केंद्र से मिलने वाली राशि और भुगतान में हो रही देरी के कारण योजना के क्रियान्वयन में परेशानी आ रही है। सीएम सुक्खू ने कहा कि अगर समय पर पैसा नहीं मिलेगा, तो गरीब मजदूरों का भरोसा इस योजना से टूट सकता है।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह गंभीर है और मनरेगा के समर्थन में व्यापक आंदोलन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने संकेत दिए कि इस आंदोलन में मंत्रिमंडल के सदस्य भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे और जरूरत पड़ी तो अनशन जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन की रूपरेखा और कार्यक्रम की घोषणा जल्द की जाएगी।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, रोजगार और विकास से जुड़े मुद्दों पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियां गरीब, किसान और मजदूर विरोधी हैं। सुक्खू ने कहा कि मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया जाएगा और जनता को इसके लिए जागरूक किया जाएगा।

सीएम ने यह भी कहा कि हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में मनरेगा का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि यहां सीमित संसाधनों के बीच यह योजना ग्रामीण लोगों के लिए स्थायी सहारा बनती है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि मनरेगा के बजट में कटौती बंद की जाए और राज्यों को समय पर पूरा पैसा जारी किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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