हिमाचल में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत, चमियाणा में खुलेगा एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर

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हिमाचल में पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत, चमियाणा में खुलेगा एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर


शिमला, 21 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में राज्य स्तरीय सघन पल्स पोलियो अभियान का शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खुद बच्चों को पोलियो से बचाव की खुराक पिलाकर अभियान की शुरुआत की और इसे सफल बनाने में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बढ़ाया।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने अभियान के आयोजन के लिए डॉक्टरों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा व एएनएम कर्मियों, पंचायती राज संस्थाओं, स्कूल शिक्षकों और प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज तक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रही है, ताकि हर नागरिक को बेहतर इलाज मिल सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि शिमला के चमियाणा स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपरस्पेशलिटी आयुर्विज्ञान में जल्द ही एक एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस केंद्र में बच्चों के इलाज के लिए आधुनिक और विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी, जिससे प्रदेश के बच्चों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को अस्पतालों में लंबा इंतजार न करना पड़े, इसके लिए ओपीडी में उनके लिए विशेष परामर्श स्लॉट शुरू किए जाएंगे। इससे वृद्धजनों को समय पर और सुविधाजनक इलाज मिल सकेगा। उन्होंने दोहराया कि शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं और इन क्षेत्रों में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी।

सघन पल्स पोलियो अभियान के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के पोलियो-मुक्त दर्जे को बनाए रखना है। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में 5,793 पोलियो बूथ स्थापित किए गए हैं, जहां शून्य से पांच वर्ष आयु वर्ग के लगभग छह लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। अभियान को सफल बनाने के लिए 11,706 टीकाकरण टीमें तैनात की गई हैं।

उन्होंने बताया कि 22 और 23 दिसंबर को मॉप-अप दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें घर-घर जाकर उन बच्चों को टीके लगाए जाएंगे जो किसी कारणवश छूट गए हैं। खास तौर पर प्रवासी परिवारों और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। अभियान के लिए आवश्यक टीके, कोल्ड-चेन उपकरण और अन्य जरूरी सामग्री पहले ही सभी जिलों को उपलब्ध करवाई जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने केएनएच में भर्ती मरीजों और उनके परिजनों से भी बातचीत की और अस्पताल प्रबंधन को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में अत्याधुनिक तकनीक को बढ़ावा दे रही है। शिमला के चमियाणा अस्पताल और कांगड़ा जिले के टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत इसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों से लेकर सिविल अस्पतालों तक पुरानी मशीनों को बदला जा रहा है। प्रदेश में एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्स-रे जैसी आधुनिक मशीनें लगाने के लिए करीब तीन हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स दिल्ली की तर्ज पर हिमाचल में भी मरीजों को बेहतर और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं और इसके लिए ट्रॉमा सेंटर सहित कई नई सुविधाएं विकसित की गई हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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