हिमाचल में चुनावी शोर थमा, आखिरी दिन भाजपा-कांग्रेस के दिग्गजों ने झोंकी ताकत

हिमाचल में चुनावी शोर थमा, आखिरी दिन भाजपा-कांग्रेस के दिग्गजों ने झोंकी ताकत
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हिमाचल में चुनावी शोर थमा, आखिरी दिन भाजपा-कांग्रेस के दिग्गजों ने झोंकी ताकत


शिमला, 30 मई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों और छह विधानसभा सीटों में शनिवार को होने वाले मतदान के लिए गुरूवार शाम पांच बजे चुनाव प्रचार थम गया। प्रचार के आखिरी दिन दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंकी। दोनों दलों के राष्ट्रीय नेताओं ने अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर प्रचार किया। भाजपा की ओर से यूपी और उतराखंड के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ और पुष्कर धामी के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने चुनावी सभाओं को संबोधित किया, तो कांग्रेस की प्रियंका गांधी ने प्रचार के जरिए कांग्रेस के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की।

पहाड़ी प्रदेश में पिछले एक पखवाड़े में चुनाव प्रचार में तेजी आयी और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों ने राज्य के कोने-कोने में चुनावी रैलियां और रोड शो कर लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनता से समर्थन मांगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शिमला और मंडी संसदीय क्षेत्र में बड़ी चुनावी रैलियों को संबोधित किया तो कांगड़ा और हमीरपुर संसदीय क्षेत्रों में अमित शाह और जेपी नड्डा ने हुंकार भरी। जेपी नड्डा ने शिमला और मंडी संसदीय क्षेत्रों में भी रैलियां कीं।

दूसरी तरफ, शुरुआत से ही कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान स्थानीय नेताओं ने ही संभाली रखी। हालांकि, मई के आखिरी हफ्ते पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी और पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी रैलियों कर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए जनता से समर्थन मांगा। राहुल गांधी की एक रैली उसी जगह पर हुई, जहां पीएम मोदी ने रैली की थी। मोदी ने 24 मई को नाहन और मंडी में रैलियां को संबोधित किया तो इसके पलटवार में राहुल गांधी ने 26 मई को नाहन और ऊना में रैलियां कीं। इसके अलावा कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने भी चुनाव प्रचार के लिए देवभमि का रूख किया।

पीएम मोदी की चुनाव हुंकार से गरमाया माहौल, सुक्खू सरकार पर कसे तंज

पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार में केंद्र की सरकार के 10 वर्षों के शासन की उपलब्धियां गिनाने के साथ ईडी गठबंधन और प्रदेश की सतारूढ़ कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने यह भी कहा कि यहां की कांग्रेस सरकार का भविष्य नहीं है और यह ज्यादा देर रहने वाली नहीं है। मोदी ने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर आपदा में मिली केंद्रीय मदद में बंदरबाट करने का आरोप लगाते हुए चुनाव उपरांत इसकी जांच करवाने की बात कही। उन्होंने गारंटियों को पूरा करने में विफल रहने का भी आरोप लगाते हुए सुक्खू सरकार की घेराबंदी की।

राहुल और प्रियंका के निशाने पर रहे पीएम मोदी

दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल और प्रियंका गांधी ने अपनी जनसभाओं में पीएम मोदी को ही निशाने पर लिया। इन दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पीएम मोदी पर पिछले 10 सालों में झूठ बोलने के सिवाय कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए जनता से बदलाव के लिए कांग्रेस को वोट देने की अपील की। उन्होंने लोगों से बुद्धिमानी से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया। राहुल और प्रियंका गांधी ने मोदी और अमित शाह पर हिमाचल की कांग्रेस सरकार को गिराने का षडयंत्र रचने का भी आरोप लगाया।

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि मोदी द्वारा हिमाचल की कांग्रेस सरकार को चोरी करने का प्रयास हुआ है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने अपनी चुनावी सभाओं में इंडी गठबंधन की सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफी, युवाओं को पक्की नौकरी, महिलाओं व गरीबों के खातों में पैसे डालने जैसे वायदों का जिक्र किया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों पर बिकने का आरोप लगाते हुए भाजपा की घेराबंदी कर सियासी माहौल को गरमाए रखा। ये छह पूर्व विधायक अब भाजपा की टिकट पर विधानसभा का उपचुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं ने अपनी सरकार के 16 माह के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए लोगों से जनसमर्थन की मांग की। मंडी लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह और भाजपा की कंगना रनौत के बीच बयानबाजी ने सभी का ध्यान खींचा और ये सीट देश भर में सुर्खियों में बन गई।

तीसरी बार क्लीन स्वीप करने पर भाजपा की नजर

हिमाचल की चारों लोकसभा सीटों पर वर्ष 2014 और 2019 में जीत का परचम फहराने वाली भाजपा को इस बार भी पुराना प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद है। वहीं राज्य की सत्ता में काबिज कांग्रेस को अपनी सरकार के 16 माह के कार्यकाल से लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को पटखनी देने का भरोसा है।

राज्य में चार लोकसभा सीटों शिमला, कांगड़ा, मंडी और हमीरपुर में पहली जून को आखिरी चरण में मतदान होगा। इसके साथ ही विधानसभा की छह सीटों सुजानपुर, बड़सर, धर्मशाला, गगरेट, कुटलैहड़ और लाहौल-स्पीति में उपचुनाव के लिए मत डाले जाएंगे। कांग्रेस की नजर लोकसभा से ज्यादा विधानसभा उपचुनाव जीतने पर है। विधानसभा उपचुनाव में कम से कम एक सीट जीतने पर सुक्खू सरकार और मजबूत हो जाएगी, वहीं भाजपा सभी छह की छह सीटें जीतकर ही कांग्रेस को मुसीबत खड़ी कर सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

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