संजौली मस्जिद मामला: अवैध ऊपरी हिस्से को हटाने की मांग, हिंदू संगठनों का निगम आयुक्त को ज्ञापन

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संजौली मस्जिद मामला: अवैध ऊपरी हिस्से को हटाने की मांग, हिंदू संगठनों का निगम आयुक्त को ज्ञापन


संजौली मस्जिद मामला: अवैध ऊपरी हिस्से को हटाने की मांग, हिंदू संगठनों का निगम आयुक्त को ज्ञापन


शिमला, 15 दिसंबर (हि.स.)। शिमला की चर्चित संजौली मस्जिद मामले में एक बार फिर विवाद तेज हो गया है। मस्जिद के कथित अवैध ऊपरी हिस्से को हटाने की मांग को लेकर हिंदू संघर्ष समिति ने शिमला नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा है। समिति ने ज्ञापन के जरिए मांग की है कि मस्जिद की निचली दो मंजिलों को छोड़कर ऊपर बने अवैध हिस्से को तय समय सीमा के भीतर हटाया जाए। साथ ही समिति ने यह भी कहा है कि यदि वक्फ बोर्ड और नगर निगम इस कार्रवाई में सक्षम नहीं हैं तो हिंदू संगठन निशुल्क श्रमदान यानी कारसेवा के लिए तैयार हैं।

हिंदू संघर्ष समिति के नेताओं ने नगर निगम आयुक्त से आग्रह किया कि वे न्यायालय के आदेशों का सख्ती से पालन करवाएं। उनका कहना है कि अवैध निर्माण हटाने की आखिरी तारीख 29 दिसंबर तय है और ऐसे में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। समिति के अनुसार न्यायालय ने ऊपर की मंजिलों को अवैध मानते हुए उन्हें गिराने के आदेश पहले ही दे दिए हैं, इसलिए अब नगर निगम को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

इस दौरान हिंदू संघर्ष समिति के सदस्य मदन ठाकुर ने कहा कि वक्फ बोर्ड, मस्जिद कमेटी और नगर निगम अगर अवैध हिस्से को हटाने में असमर्थ हैं तो समिति के कार्यकर्ता खुद निशुल्क श्रमदान कर यह काम करने को तैयार हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून का पालन सभी के लिए समान रूप से नहीं हो रहा है। उनका कहना था कि हिंदुओं के लिए नियम सख्ती से लागू किए जाते हैं, जबकि अन्य समुदायों के मामलों में ढील बरती जाती है। मदन ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बाहरी लोगों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया और कहा कि हिमाचल में जनसांख्यिकीय बदलाव का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

हिंदू संघर्ष समिति के एक अन्य नेता विजय शर्मा ने कहा कि विवादित ढांचे से अवैध हिस्सा हटाने की समय सीमा 29 दिसंबर को समाप्त हो रही है। समिति ने नगर निगम आयुक्त से मांग की है कि इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मंगवाई जाए और उसे सार्वजनिक किया जाए, ताकि स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सके। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ बोर्ड या नगर निगम के पास धन और मजदूरों की कमी है तो समिति के सदस्य निःशुल्क श्रमदान के लिए तैयार हैं।

गौरतलब है कि इस मामले में हाल ही में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीते 3 दिसंबर को अहम आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई करते हुए मस्जिद की निचली दोनों मंजिलों पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, जबकि ऊपर की तीन मंजिलों को लेकर निचली अदालतों के आदेशों को बरकरार रखा। इसका मतलब यह है कि ऊपर की मंजिलों को वक्फ बोर्ड की ओर से स्वयं तोड़ा जाना है। मामले की अगली सुनवाई 9 मार्च को तय की गई है। वक्फ बोर्ड ने नगर निगम आयुक्त और जिला अदालत के फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।

इससे पहले 30 अक्टूबर 2025 को शिमला की जिला अदालत ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए मस्जिद की निचली दोनों मंजिलों को भी अवैध करार देकर गिराने का आदेश दिया था। हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने निचली मंजिलों पर यथास्थिति का आदेश दिया। दूसरी ओर ऑल हिमाचल मुस्लिम संस्था ने मस्जिद को वैध बताते हुए दावा किया है कि यह मस्जिद वर्ष 1915 से संजौली में मौजूद है और इसके समर्थन में राजस्व रिकॉर्ड भी पेश किए गए हैं। पिछले वर्ष सितंबर में इस मस्जिद को लेकर हिंदू संगठनों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था। इसके दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव भी हुआ था।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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