उच्चस्तरीय टीम ने किया हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी परिसर का निरीक्षण

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मंडी, 23 सितंबर (हि.स.)। विकास के नाम पर बार -बार उजाड़ी जा रही हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी के संग्रह को अब बचाए रखना संभव नहीं लग रहा है क्योंकि इस विशाल संग्रह के लिए आलय बनाना अब नाको चने चबाने जैसा है। गैलरी के संस्थापक बीरबल शर्मा ने बीते दिनों प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जो भाषा एवं संस्कृति विभाग का जिम्मा भी संभाले हुए हैं से मिल कर एक ज्ञापन उन्हें पुरातत्व चेतना संघ की ओर से दिया था। इसमें उन्होंने बताया कि गैलरी को दूसरी बार उजड़ने से बचाने के लिए वह पिछले साल मई महीने से संघर्ष कर रहे हैं। हर दरवाजे पर दस्तक दे चुके हैं। छोटे बड़े सभी नेताओं के पास गुहार लगा चुके हैंए लगभग साढ़े 500 पत्र वह लिख चुके हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।

मंडी पठानकोट फोरलेन व कीरतपुर मनाली फोरलेन के जुड़ाव बिंदु पर बनाए जा रहे जंक्शन की हल्की सी अलाइनमेंट बदलने की उनकी गुहार नहीं सुनी गई और अब इसे तोड़ने का फरमान जारी कर दिया गया है। ऐसे में उपमुख्यमंत्री से गुहार लगाई कि बाकी संग्रह को तो वह जलधारा में भी बहा सकते हैं या फिर कहीं ठौर मिल जाने पर वहां रख सकते हैं मगर खुले में लगाए गए हटली बलद्वाड़ा से लाए गए प्राचीन बरसेले हैं उन्हें तो कम से कम प्रशासन या भाषा विभाग कहीं उचित जगह पर संरक्षित कर लें। इनकी स्थापना प्रशासन व भाषा विभाग के सहयोग से वर्ष 2011 में तत्कालीन उपायुक्त डॉ अमनदीप गर्ग के हाथों से करवाई गई थी। बताया गया था कि अब इन बरसेलों को फिर से स्थापित करने के लिए उनके पास न तो जगह है और न ही अब उनकी उम्र इतनी है कि वह फिर से चार पांच साल तक जगह के लिए संघर्ष करके उसे वहां पर स्थापित कर सकें। उपमुख्यमंत्री ने इसे लेकर गंभीरता दिखाई थी और उसी के मद्देनजर सोमवार को अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर की अगुवाई में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी डा. मदन कुमार, जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया, शिक्षा विभाग के उपनिदेशक कार्यालय के अधिकारी, एनएचएआई के अधिकारी व अन्य संबंध विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के मौजूदगी में गैलरी परिसर का भ्रमण किया।

उन्होंने जरूरी दस्तावेज भी देखे तथा पूरी स्थिति मुआयना करके अगली कार्रवाई करने की बात कही। इस दौरान उन्होंने फोटो गैलरी में हिमाचल दर्शन भी किया तथा प्राचीन वस्तुओं पर आधारित संग्रहालय को भी देखा।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

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