हमीरपुर-मंडी नेशनल हाइवे पर बनेगी सचिव स्तरीय कमेटी : सुक्खू
शिमला, 2 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में कहा है कि हमीरपुर- मंडी नेशनल हाइवे के कामकाज को लेकर एक सचिव स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी बताएगी कि इसमें किस तरह की कमियां हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इस सड़क का मामला भी उठाया गया है मगर नेशनल हाइवे अथॉरिटी के काम करने की स्पीड कम है जिसका खामियाजा यहां लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इससे पूर्व सदन में विधायक चन्द्र शेखर ने इस सड़क का मामला उठाया जिसपर जांच करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र के लोगों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है जिसपर जांच होनी चाहिए। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इसपर वह पहले भी सदन में जवाब दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि 295 करोड़ रूपए की राशि मुआवजे के रूप में दी जा चुकी है। बिजली और पानी की रेस्टोरेशन प्राथमिकता से की जाएगी। उन्होंने कहा कि नितिन गड़करी जो केन्द्रीय मंत्री हैं ने 2017 में 69 एनएच की घोषणा की थी मगर उसमें से भी 25 योजनाएं मांगी गईं। अब इसमें भी कट लगाकर 6 सड़कों के प्रस्ताव मांगे हैं जिसपर भी कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसमें घुमारवीं-सरकाघाट सड़क भी शामिल है। उन्होंने बताया कि घुमारवीं सरकाघाट सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग के मानकों को पूरा करती है जिसका चौड़ीकरण का कार्य विश्व बैंक परियोजना के तहत सरकार द्वारा टू लेन के मानकों के अनुसार किया गया है।
कुटलैहड़ के विधायक विवेक शर्मा ने खैर कटान को लेकर मामला उठाया जिस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि खैर का कटान उसी मोटाई के हिसाब से होता है। खैर को जड़ से न काटा जाए इसपर विचार किया जाएगा। इससे पूर्व विधायक ने कहा था कि खैर को जड़ से नहीं काटा जाना चाहिए और कुटलेहड़ एरिया में ज्यादा से ज्यादा खैर के पेड़ लगाएं जिससे सरकार को भी फायदा हो रहा है वहीं निजी जमीन पर लोगों को भी फायदा मिल रहा है। यहां बताया गया कि पिछले तीन साल में वन विभाग द्वारा कुटलेहड़ विधानसभा में 86,458 खैर के पौधे लगाए गए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा
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