राम मंदिर आंदोलन में हिमाचल का योगदान सराहनीय, प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक नए राष्ट्र का हुआ अभ्युदय: राज्यपाल

राम मंदिर आंदोलन में हिमाचल का योगदान सराहनीय, प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक नए राष्ट्र का हुआ अभ्युदय: राज्यपाल
WhatsApp Channel Join Now
राम मंदिर आंदोलन में हिमाचल का योगदान सराहनीय, प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक नए राष्ट्र का हुआ अभ्युदय: राज्यपाल


शिमला, 27 फरवरी (हि.स.)। मातृ वंदना पत्रिका के श्री राम जन्मभूमि विशेषांक के लोकार्पण के अवसर पर मंगलवार को लगभग 100 कारसेवकों को सम्मानित किया गया। इसी तरह हिमाचल के अन्य भागों में भी भव्य समारोह में विशेषांक का विमोचन के साथ-साथ कारसेवकों का सम्मान किया जाएगा।

मातृ वंदना संस्थान, शिमला द्वारा मासिक पत्रिका मातृ वंदना के श्री राम जन्मभूमि मंदिर विशेषांक तथा दिनदर्शिका का लोकार्पण राज्यपाल माननीय शिव प्रताप शुक्ल ने किया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जितेन्द्र वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में सामाजिक सद्भाव का कार्य देख रहे हैं। उन्होंने लेखकों पाठकों कारसेवकों तथा बुद्धिजीवियों को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर विशेषांक का प्रकाशन एक विशेष उल्लेखनीय प्रयास है। इस अंक में श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए पांच सदियों के संघर्षपूर्ण इतिहास के आंदोलन पर प्रामाणिक सामग्री के साथ 1990-1992 की कारसेवा में हिमाचल प्रदेश के उन कारसेवकों के संघर्ष का वर्णन है जिन्होंने मुलायम सरकार के अत्याचारों को झेला और अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए आंदोलन में योगदान दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल माननीय राज्यपाल हिमाचल प्रदेश ने कहा कि राम की मर्यादाएं सर्वोच्च आदर्श हैं। इसीलिए सदियों के उतार-चढ़ाव के बाद भी भगवान राम के प्रति भारत सहित विश्व की विभिन्न संस्कृतियों में उनके प्रति श्रद्धाभाव बना हुआ है। पांच सदियों तक चले आंदोलन द्वारा इस ऐतिहासिक कलंक को मिटाने तथा प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक नए राष्ट्र का अभ्युदय हुआ है।' उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि मंदिर विशेषांक के हिमाचल प्रदेश के कोने-कोने में पत्रिका के पाठकों तथा बुद्धिजीवियों तक पहुंचने के साथ - साथ सामाजिक सद्भाव का संदेश भी घर-घर तक पहुंच सकेगा।

उन्होंने कहा कि मातृ वंदना पत्रिका का देवभूमि हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक लोक संस्कृति कला भाषा एवं साहित्य के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रचार प्रसार में विशिष्ट योगदान रहा है। राज्यपाल ने कहा कि मातृवंदना जैसी पत्रिकाएं अवश्य पढ़नी चाहिए क्योंकि इनमें हमारा अतीत छुपा होता है। हम से जुड़ी कई कहानियां छिपी रहती हैं। मातृवंदना की पत्रिका निरंतर प्रकाशित होती रहे , वैचारिक रूप से निकले इसके लिए राज्यपाल ने 2 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की।

मातृवंदना संस्थान द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में 1990 और 1992 की कार सेवा में भाग लेने वाले लगभग 100 कारसेवकों को आलोक व राम कुमार वर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। दाडला जिला से 16 जिला महासू से 26 शिमला से 2 कारसेवक सम्मान समारोह में उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/प्रभात

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story