कवयित्री स्व. डा. कांता शर्मा को साहित्यकारों ने 59वीं जयंती पर किया याद
मंडी, 30 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश की मशहूर कवयित्री ,मंच संचालक एवं साहित्यकार स्व. डा. कांता शर्मा को उनकी 59वीं जयंती के अवसर मंडी के साहित्यकारों ने याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित किए। दस वर्ष पूर्व 15 दिसंबर को कांता शर्मा का निधन हो गया था,तब से हर वर्ष उनकी जयंती पर 30 दिसंबर को उनके नेला-लांगणी स्थित आवास पर साहित्यिक कार्यक्रम का ओयजन किया जाता है। इस बार कांता शर्मा के पति नागेंद्र शर्मा द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता हिम साहित्य परिषद के अध्यक्ष ,हिम खंड पत्रिका के संपादक एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा. पीसी कौंडल ने की। डा. कांता शर्मा की साहित्यिक यात्रा पर साहित्यकार कथाकार मुरारी शर्मा ने शोध-पत्र पढ़ा। जीवन की पत्थरीली डगर पर संवेदनशील रचनाकार का सफर शीर्षक से प्रपत्र में मुरारी शर्मा ने कहा कि स्व. कांता शर्मा की साहित्यिक यात्रा को अगर देखना है तो सबसे पहले उनके जीवन संघर्ष को हमें पलटकर देखना होगा।
उन्होंने कहा कि डा. कांता शर्मा एक स्वपन्नदर्शी और महत्वकांक्षी प्रवृति की रचनाकार थी। उनके सपनों और महत्वकांक्षाओं का संसार कुछ अलग किस्म का था। कांता शर्मा ने दो कविता संग्रह जिंदगी अंर्तमन और अचानक नहीं सूखी नदी तथा दो शोधग्रंथ प्रकाशित किए हैं। उन्होंने कहा कि धर्मयुग के संपादक धर्मवीरभारती के साहित्य में सांस्कृतिक चेतना शोधग्रंथ कांता शर्मा का एक बेहतरीन कार्य है। जिसके माध्यम से धर्मवीर भारती के समग्र जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व की जानकारी पाठकों को मिलती है।
इस पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए उत्तम चंद शर्मा ने कहा कि कांता शर्मा की साहित्यिक यात्रा को लेकर बहुत ही बारीकी से इस प्रपत्र में चित्रण किया गया है। वहीं पर कृष्णा ठाकुर, भगत सिंह गुलेरिया, रूपेश्वरी शर्मा, हरीप्रिया शर्मा, लतेश शर्मा, निर्मला चंदेल, पुरषोत्म शर्मा ने भी चर्चा में भाग लेते हुए अपने विचार रखे। अपने अध्यक्षीय संबोधन डा. पीसी कौंडल ने कहा कि मुरारी शर्मा की ओर से स्व. कांता शर्मा की साहित्यितक यात्रा, उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का गहन विवेचन किया है। उन्होंने कहा कि स्व. कांता शर्मा बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थी और अल्प समय में ही उन्होंने अपनी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर बना ली थी। उनके साहित्य को संकलित कर प्रकाशित करने के लिए साहित्यकारों को परिवार के साथ आगे आना होगा। वहीं पर कांता शर्मा के पति नागेंद्र शर्मा ने कहा कि बीते दस सालों से मंडी के साहित्यकार कांता शर्मा की याद में उनकी जयंती पर एकत्रित होकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं, भविष्य में भी उनके सहयोग की अपेक्ष रहेगी। इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में उपस्थित साहित्यकारों ने कविता पाठ किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा

