हिमाचल में महिलाओं को हर माह 1500 रुपये देने की सुक्खू सरकार की योजना पर चुनाव आचार संहिता तक विराम
शिमला, 16 मार्च (हि.स.)। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही हिमाचल प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। प्रदेश में नई सरकारी घोषणाओं, नई नियुक्तियों, उदद्याटन व लोकार्पण पर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक रोक रहेगी। वहीं, कोई नया काम भी अब प्रारंभ नहीं होगा। पहले से चल रही योजनाएं जारी रहेंगी, लेकिन नए लाभार्थी अब नहीं बनाए जा सकेंगे। लोकसेवा आयोग को छोड़कर अन्य संस्थानों द्वारा नौकरियों पर भी रोक रहेगी। खास बात यह है कि प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा महिलाओं को हर माह 1500 रुपये देने वाली इंदिरा गांधी महिला सम्मान योजना पर भी चुनाव आचार संहिता के बीच विराम रहेगा।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी।
इंदिरा गांधी महिला सम्मान योजना जारी रहेंगी या नहीं से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि आचार संहिता के दौरान पूर्व से चल रही योजनाएं जारी रहती हैं। लेकिन नए लाभार्थी बनाने पर विराम लग जाएगा। ऐसे में सुक्खू सरकार की इस योजना का चुनाव आचार संहिता तक महिलाओं को लाभ नहीं मिलेगा।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने हाल ही में इंदिरा गांधी महिला सम्मान योजना के तहत 18 से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में शासन की ओर से अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। बकायदा एक फार्म भी उपलब्ध करवाया गया है, जिसे भरने पर पात्र महिलाओं को 1500 रूपये मिलना है। दरअसल कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान प्रदेश की महिलाओं को यह गारंटी दी थीं।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के तहत जिन महिलाओं के घर से कोई भी सरकारी सेवा में नहीं है या पेंशनर नहीं हैं उन्हें इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख-सम्मान निधि योजना में शामिल किया जाएगा। 18 साल से 59 साल की महिलाओं को इसमें शामिल किया जाएगा जिससे आगे 60 साल से ऊपर की महिलाओं को पहले से पेंशन दी जा रही है। तहसील कल्याण अधिकारी को यह पेंशन लगाने और उसको रद्द करने का अधिकार होगा। लाहुल स्पीति में महिलाओं को 1500 रुपये देने के लिए जो गाइड लाइन है उसे ही पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। इसके लिए वही फॉर्म चलेगा जो पहले लाहुल स्पीति के लिए जारी किया गया है।
प्रदेश सरकार का दावा है कि इस योजना के तहत पांच लाख महिलाओं को हर माह 1500 रूपये दिया जाना है। इस योजना पर सरकार को सालाना 800 करोड़ खर्च करना है।
हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल
/सुनील
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