हिमाचल में 400 रूटों पर चलेंगे ई-रिक्शा, 20 किमी दायरा तय

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शिमला, 05 दिसंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में अब विभिन्न उप-मंडलों में ई-रिक्शा सेवा शुरू की जाएगी। परिवहन विभाग ने यात्री सुविधाओं और सार्वजनिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ई-रिक्शा के संचालन को अनुमति प्रदान कर दी है। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है, जिसके तहत प्रदेश के अलग-अलग उप-मंडलों में कुल 400 ई-रिक्शा परमिट जारी किए जाएंगे। यह परमिट मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के प्रावधानों के तहत दिए जाएंगे।

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि जिला कांगड़ा के उप-मंडल पालमपुर में 30 और धर्मशाला (जिसमें मैक्लोडगंज शामिल है) में 36 परमिट जारी किए जाएंगे। चंबा जिला के चंबा सदर में पांच और भटियात में नौ परमिटों की अनुमति होगी। किन्नौर जिले के कल्पा/रिकांगपिओ में 15 और सांगला में 10 परमिट स्वीकृत किए गए हैं। सिरमौर जिले के नाहन में 15 और राजगढ़ में दो परमिट दिए जाएंगे।

प्रवक्ता ने कहा कि जिला मंडी के जोगिंदर नगर में 15, पधर में 35, सरकाघाट में पांच और धर्मपुर में पांच परमिट स्वीकृत किए गए हैं। जिला कुल्लू के उप-मंडल कुल्लू में 30, भुंतर में 15, बंजार में 20, मनाली में 30, पतलीकुहल में 15 और नग्गर में भी 15 परमिट जारी होंगे। जिला शिमला के ठियोग में छह और रोहड़ू में 20 ई-रिक्शा परमिट की अनुमति दी गई है।

उन्होंने कहा कि जिला सोलन के कंडाघाट में तीन, अर्की में दो, नालागढ़ में 10 और बद्दी में 15 परमिट स्वीकृत किए गए हैं। ऊना जिले के हरोली में 17 और शेष ऊना जिला (ऊना मुख्यालय व अन्य क्षेत्रों) में 20 परमिट जारी किए जाएंगे। इन सभी उप-मंडलों में केवल ई-रिक्शा के नए पंजीकरण की अनुमति होगी।

प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के अन्य उप-मंडलों में फिलहाल ऑटो-रिक्शा और ई-रिक्शा के परिचालन पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि, पहले से वैध परमिट वाले ऑटो-रिक्शा इस प्रतिबंध से बाहर रहेंगे और अपना संचालन जारी रख सकेंगे।

अधिसूचना के अनुसार प्रत्येक पंजीकृत ई-रिक्शा केवल उस उप-मंडल के मुख्यालय से 20 किलोमीटर की परिधि में ही चलेगा, जहां उसका पंजीकरण या प्राधिकार जारी किया गया है। एक बार किसी उप-मंडल में पंजीकरण होने के बाद मुख्यालय स्थायी रूप से तय रहेगा और किसी भी स्थिति में इसे बदला या स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि निर्धारित दायरे से बाहर परिचालन करना इस अधिसूचना और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन माना जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

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